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*अभिलेख में कनिष्क (द्वितीय) की उपाधि '''कैसरस''' (कैसर या सीज़र) लिखी है। | *अभिलेख में कनिष्क (द्वितीय) की उपाधि '''कैसरस''' (कैसर या सीज़र) लिखी है। | ||
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 67-68| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | *ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 67-68| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | ||
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11:33, 6 मई 2018 के समय का अवतरण
आर एक ऐतिहासिक स्थान है जहाँ से एक अभिलेख प्राप्त हुआ था जिससे सूचित होता है कि शकसंवत 41 या 118 ई. में इस स्थान पर कनिष्क द्वितीय का राज था।[1]
- इस कनिष्क को प्रोफ़ेसर लूडर्स ने कनिष्क प्रथम का पौत्र माना है।
- अभिलेख में कनिष्क (द्वितीय) की उपाधि कैसरस (कैसर या सीज़र) लिखी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 67-68| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार