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*सम्राट अशोक ने इस लेख में इसिला नगरी के शासक महामात्र के नाम कुछ विशेष आदेश पहुँचाने को कहा गया था। | *सम्राट अशोक ने इस लेख में इसिला नगरी के शासक महामात्र के नाम कुछ विशेष आदेश पहुँचाने को कहा गया था। | ||
* | *डॉ. भण्डारकर<ref> अशोक-द्वितीय संस्करण, पृ0 55</ref> के मत में इसिला का ज़िला दक्षिणापथ की दक्षिणी सीमा अर्थात् [[चोल]] और [[पांड्य साम्राज्य|पांड्यराज्यों]] की सीमा पर स्थित रहा होगा। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 84| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
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10:01, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
- इसिला एक प्राचीन नगर मौर्य सम्राट अशोक[1] के लघु शिलालेख[2] में इस नगर का उल्लेख मिलता है।
- यह लेख दखिणापथ के मुख्य नगर सुवर्णगिरि के शासक आर्यपुत्र और महामात्राओं के नाम प्रेषित किया था।
- सम्राट अशोक ने इस लेख में इसिला नगरी के शासक महामात्र के नाम कुछ विशेष आदेश पहुँचाने को कहा गया था।
- डॉ. भण्डारकर[3] के मत में इसिला का ज़िला दक्षिणापथ की दक्षिणी सीमा अर्थात् चोल और पांड्यराज्यों की सीमा पर स्थित रहा होगा।
- इस अभिज्ञान के अनुसार इसिला की स्थिति वर्तमान मैसूर राज्य के दक्षिणी भाग में थी।
- रायचौधरी[4] इसिला को मैसूर में स्थित वर्तमान सिद्धापुर मानते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 84| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार