"अंतलिखित": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''अंतलिखित''' (अंतलिकिद, अंतिआल्किदस्) तक्षशिला का हिंदू ग्रीक राजा। बेसनगर (मध्य प्रदेश) के स्तंभ लेख के अनुसार इस राजा ने अपने दूत दिय-के-पुत्र हेलियोदोरस को शुंगवंश के राजा अथवा भागभद्र के दरबार में भेजा था। यह भागभद्र शुगंराज ओद्रक अथवा भागवत में से कोई हो सकता है। इस अभिलेख में अंतलिखित को तक्षशिला का राजा और उसके ग्रीक दूत को विष्णुभक्त भागवत कहा गया है। अंतलिखित के सिक्के भी अन्य हिंदू ग्रीक राजाओं की भाँति ही ग्रीक और भारतीय दोनों भाषाओं में खुदे मिलते हैं। उसकी मुद्राएँ उसे विजेता भी प्रमाणित करती हैं। अंतलिखित का शासनकाल निश्चित रूप से तो नहीं बताया जा सकता, पर संभवत वह ईसवी सन् की प्रथम शती में हुआ। वह बाख्त्री के राजा युक्रातिक के राजकुल का अफगानिस्तान और पश्चिमी पंजाब का राजा था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=52 |url=}}</ref> | '''अंतलिखित''' (अंतलिकिद, अंतिआल्किदस्) तक्षशिला का हिंदू ग्रीक राजा। बेसनगर (मध्य प्रदेश) के स्तंभ लेख के अनुसार इस राजा ने अपने दूत दिय-के-पुत्र हेलियोदोरस को शुंगवंश के राजा अथवा भागभद्र के दरबार में भेजा था। यह भागभद्र शुगंराज ओद्रक अथवा भागवत में से कोई हो सकता है। इस अभिलेख में अंतलिखित को तक्षशिला का राजा और उसके ग्रीक दूत को विष्णुभक्त भागवत कहा गया है। अंतलिखित के सिक्के भी अन्य हिंदू ग्रीक राजाओं की भाँति ही ग्रीक और भारतीय दोनों भाषाओं में खुदे मिलते हैं। उसकी मुद्राएँ उसे विजेता भी प्रमाणित करती हैं। अंतलिखित का शासनकाल निश्चित रूप से तो नहीं बताया जा सकता, पर संभवत वह ईसवी सन् की प्रथम शती में हुआ। वह बाख्त्री के राजा युक्रातिक के राजकुल का अफगानिस्तान और पश्चिमी पंजाब का राजा था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=52 |url=}}</ref> | ||
पंक्ति 32: | पंक्ति 9: | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category:शक एवं कुषाण काल]] | [[Category:शक एवं कुषाण काल]] | ||
[[Category:विदेशी_आक्रमणकारी]] | [[Category:विदेशी_आक्रमणकारी]][[Category:चरित कोश]] | ||
[[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | [[Category:हिन्दी विश्वकोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
06:57, 20 मई 2018 के समय का अवतरण
अंतलिखित (अंतलिकिद, अंतिआल्किदस्) तक्षशिला का हिंदू ग्रीक राजा। बेसनगर (मध्य प्रदेश) के स्तंभ लेख के अनुसार इस राजा ने अपने दूत दिय-के-पुत्र हेलियोदोरस को शुंगवंश के राजा अथवा भागभद्र के दरबार में भेजा था। यह भागभद्र शुगंराज ओद्रक अथवा भागवत में से कोई हो सकता है। इस अभिलेख में अंतलिखित को तक्षशिला का राजा और उसके ग्रीक दूत को विष्णुभक्त भागवत कहा गया है। अंतलिखित के सिक्के भी अन्य हिंदू ग्रीक राजाओं की भाँति ही ग्रीक और भारतीय दोनों भाषाओं में खुदे मिलते हैं। उसकी मुद्राएँ उसे विजेता भी प्रमाणित करती हैं। अंतलिखित का शासनकाल निश्चित रूप से तो नहीं बताया जा सकता, पर संभवत वह ईसवी सन् की प्रथम शती में हुआ। वह बाख्त्री के राजा युक्रातिक के राजकुल का अफगानिस्तान और पश्चिमी पंजाब का राजा था।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 52 |