"पहेली 23 अगस्त 2018": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | right|120px <quiz display=simple> {'शृंखल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "शृंखला" to "श्रृंखला")
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
| [[चित्र:Paheli-logo.png|right|120px]]
| [[चित्र:Paheli-logo.png|right|120px]]
<quiz display=simple>
<quiz display=simple>
{'शृंखला की कड़ियाँ' किसके द्वारा लिखा गया निबन्ध संग्रह है?
{'श्रृंखला की कड़ियाँ' किसके द्वारा लिखा गया निबन्ध संग्रह है?
|type="()"}
|type="()"}
+[[महादेवी वर्मा]]
+[[महादेवी वर्मा]]
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
-[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
-[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
-[[अमृता प्रीतम]]
-[[अमृता प्रीतम]]
||[[चित्र:Mahadevi-verma.png|right|100px|border|महादेवी वर्मा]]'महादेवी वर्मा' [[हिन्दी भाषा]] की प्रख्यात कवयित्री थीं। उनकी गिनती हिन्दी [[कविता]] के [[छायावादी युग]] के चार प्रमुख स्तंभ [[सुमित्रानन्दन पन्त]], [[जयशंकर प्रसाद]] और [[सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला']] के साथ की जाती है। आधुनिक हिन्दी कविता में [[महादेवी वर्मा]] एक महत्त्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरीं। महादेवी वर्मा ने [[खड़ी बोली]] को कोमलता और मधुरता से संसिक्त कर सहज मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का द्वार खोला, विरह को दीपशिखा का गौरव दिया, व्यष्टिमूलक मानवतावादी काव्य के चिंतन को प्रतिष्ठापित किया। '[[स्मृति की रेखाएँ -महादेवी वर्मा|स्मृति की रेखाएं]]' ([[1943]]) और '[[अतीत के चलचित्र -महादेवी वर्मा|अतीत के चलचित्र]]' ([[1941]]) उनकी संस्मरणात्मक गद्य रचनाओं के संग्रह हैं। '[[शृंखला की कड़ियाँ -महादेवी वर्मा|शृंखला की कड़ियाँ]]' ([[1942]]) में सामाजिक समस्याओं, विशेषकर अभिशप्त नारी जीवन के जलते प्रश्नों के सम्बन्ध में लिखे उनके विचारात्मक निबन्ध संकलित हैं। उनके गीतों का नाद-सौंदर्य, पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली अन्यत्र दुर्लभ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महादेवी वर्मा]]
||[[चित्र:Mahadevi-verma.png|right|100px|border|महादेवी वर्मा]]'महादेवी वर्मा' [[हिन्दी भाषा]] की प्रख्यात कवयित्री थीं। उनकी गिनती हिन्दी [[कविता]] के [[छायावादी युग]] के चार प्रमुख स्तंभ [[सुमित्रानन्दन पन्त]], [[जयशंकर प्रसाद]] और [[सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला']] के साथ की जाती है। आधुनिक हिन्दी कविता में [[महादेवी वर्मा]] एक महत्त्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभरीं। महादेवी वर्मा ने [[खड़ी बोली]] को कोमलता और मधुरता से संसिक्त कर सहज मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का द्वार खोला, विरह को दीपशिखा का गौरव दिया, व्यष्टिमूलक मानवतावादी काव्य के चिंतन को प्रतिष्ठापित किया। '[[स्मृति की रेखाएँ -महादेवी वर्मा|स्मृति की रेखाएं]]' ([[1943]]) और '[[अतीत के चलचित्र -महादेवी वर्मा|अतीत के चलचित्र]]' ([[1941]]) उनकी संस्मरणात्मक गद्य रचनाओं के संग्रह हैं। '[[श्रृंखला की कड़ियाँ -महादेवी वर्मा|श्रृंखला की कड़ियाँ]]' ([[1942]]) में सामाजिक समस्याओं, विशेषकर अभिशप्त नारी जीवन के जलते प्रश्नों के सम्बन्ध में लिखे उनके विचारात्मक निबन्ध संकलित हैं। उनके गीतों का नाद-सौंदर्य, पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली अन्यत्र दुर्लभ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महादेवी वर्मा]]
</quiz>
</quiz>



11:35, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण