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{[[हरियाणा]] का राजकीय [[फूल]] कौन-सा है? | {[[हरियाणा|हरियाणा राज्य]] का राजकीय [[फूल]] कौन-सा है? | ||
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-[[गुलाब]] | |||
-[[सूरजमुखी]] | |||
+[[कमल]] | +[[कमल]] | ||
- | -[[गुड़हल]] | ||
- | ||[[चित्र:Lotus-Flower.jpg|border|80px|right|कमल]]'कमल' [[भारत]] का राष्ट्रीय [[पुष्प]] है। यह एक पवित्र पुष्प है तथा प्राचीन भारतीय काल और पुराणों में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्राचीन काल से ही इसे [[भारतीय संस्कृति]] में शुभ प्रतीक माना जाता है। भारतीय संस्कृति, सभ्यता, अध्यात्म व [[दर्शन]] में [[कमल]] के पुष्प को अत्यंत पवित्र, पूजनीय, सुंदरता, सद्भावना, शांति, स्मृति व बुराइयों से मुक्ति का प्रतीक माना गया है। इसे 'पुष्पराज' भी कहा जाता है। पद्मा, पंकज, नीरज, जलज, कमल, कमला, कमलाक्षी आदि नाम कमल के [[पर्यायवाची शब्द]] हैं।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कमल]] | ||
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{न्यूटन की गति के नियमों के अनुसार निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है? | {न्यूटन की गति के नियमों के अनुसार निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है? | ||
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-[[रामचन्द्र शुक्ल]] : चिंतामणि | -[[रामचन्द्र शुक्ल]] : चिंतामणि | ||
+[[श्यामसुन्दर दास]] : साहित्यालोचन | +[[श्यामसुन्दर दास]] : साहित्यालोचन | ||
||[[चित्र:Dr. Shyam Sunder Das.jpg|border|80px|right|श्यामसुन्दर दास]]'श्यामसुन्दर दास' [[हिंदी]] के अनन्य साधक, विद्वान्, आलोचक और शिक्षाविद् थे। [[हिंदी साहित्य]] और बौद्धिकता के पथ-प्रदर्शकों में उनका नाम अविस्मरणीय है। [[अंग्रेज़ी साहित्य]] के ज्ञाता होने के कारण [[श्यामसुन्दर दास]] ने अंग्रेज़ी साहित्य का आधार लेकर अनुसन्धान, भाषा विज्ञान, साहित्यालोचन, कवि समीक्षा और नाट्यशास्त्र जैसे गूढ़ और गंभीर विषयों पर हिंदी में लिखा। [[अंग्रेज़ी]] की समीक्षात्मक पुस्तकों का भावापहरण होने के कारण इनके सैद्धांतिक ग्रंथों में भले ही मौलिकता की कमी हो, पर विवेचना का ढंग तो सर्वथा इनका निजी है और तत्कालीन परिस्थितियों व युग में इसके अतिरिक कोई मार्ग भी न था। इस प्रकार यह हिंदी के मौलिक आलोचक थे।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्यामसुन्दर दास]] | |||
{[[भारत]] में [[पोलो|पोलो खेल]] का प्रचलन किसने प्रारम्भ किया? | {[[भारत]] में [[पोलो|पोलो खेल]] का प्रचलन किसने प्रारम्भ किया? | ||
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-[[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ाली]] | -[[पुर्तग़ाल|पुर्तग़ाली]] | ||
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||[[चित्र:Polo.jpg|border|80px|right|पोलो]]'पोलो' एक टीम खेल है, जिसे [[घोड़ा|घोड़ों]] पर बैठकर खेला जाता है। इसका उद्देश्य प्रतिद्वंदी टीम के विरुद्ध गोल करना होता है। इसे ब्रिटिश काल के दौरान काफ़ी ख्याति मिली। इसमें खिलाड़ी एक प्लास्टिक या लकड़ी की गेंद को बड़े [[हॉकी]] जैसे डंडों से मारकर सामने वाली टीम के गोल में डालने की कोशिश करते हैं। परम्परागत तरीक़े में यह [[खेल]] बड़ी रफ़्तार से एक बड़े खुले मैदान में खेला जाता है। हर टीम में चार खिलाड़ी होते हैं। [[पोलो]] का उद्भव प्राचीन [[फ़ारस]] से माना जाता है। फ़ारस में 525 ई. पूर्व में 'पुळु' के नाम से यह खेल खेला जाता था। कुछ लोग भारतीय राज्य [[मणिपुर]] से इसका उद्भव मानते हैं। [[भारत]] से यह खेल 10वीं हुसार रेजीमेंट द्वारा [[1869]] में इंग्लैण्ड ले जाया गया।अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पोलो]] | |||
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