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'''किसान क्रेडिट कार्ड''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kisan Credit Card'') योजना की शुरुआत [[अगस्त]] [[1998]] में तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा की गई थी। देश के किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की एक कोशिश में [[भारत सरकार]] ने 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया था, जिसे पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना के नाम से भी जाना जाता है। यह योजना किसानों को लोन के रूप में अल्पकालिक औपचारिक क्रेडिट देने के लिए नाबार्ड की ओर से बनाई गई थी। इस तरह के लोन की आसान पहुंच और कम ब्याज दर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि [[कृषि]], मछली पालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों की क्रेडिट जरूरतों को बिना किसी गड़बड़ी के पूरा किया जा सके।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.bajajfinservmarkets.in/hi/credit-card/kisan-credit-card.html |title=किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है?|accessmonthday=17 अप्रॅल|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bajajfinservmarkets.in |language=हिंदी}}</ref>
'''किसान क्रेडिट कार्ड''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kisan Credit Card'') योजना की शुरुआत [[अगस्त]] [[1998]] में तत्कालीन वित्तमंत्री [[यशवंत सिन्हा]] द्वारा की गई थी। देश के किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की एक कोशिश में [[भारत सरकार]] ने 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया था, जिसे पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना के नाम से भी जाना जाता है। यह योजना किसानों को लोन के रूप में अल्पकालिक औपचारिक क्रेडिट देने के लिए नाबार्ड की ओर से बनाई गई थी। इस तरह के लोन की आसान पहुंच और कम ब्याज दर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि [[कृषि]], मछली पालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों की क्रेडिट जरूरतों को बिना किसी गड़बड़ी के पूरा किया जा सके।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.bajajfinservmarkets.in/hi/credit-card/kisan-credit-card.html |title=किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है?|accessmonthday=17 अप्रॅल|accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bajajfinservmarkets.in |language=हिंदी}}</ref>
==क्या है 'किसान क्रेडिट कार्ड'==
==क्या है 'किसान क्रेडिट कार्ड'==
आमतौर पर असंगठित क्षेत्र से उधार ली गई राशि पर उच्च ब्याज लगता है। किसानों को इस नाजायज दबाव से बचाने के लिए पीएम किसान क्रेडिट कार्ड का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के तहत विशेष क्रेडिट कार्ड किसान को औसतन 4 प्रतिशत ब्याज दर पर राशि उधार लेने के लिए अनुमति देता है। कई स्थितियों में दर 2 प्रतिशत तक कम हो सकती है। केवल यह ही नहीं, किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन के लिए पुनर्भुगतान अवधि भी सुविधाजनक है, जैसे कि यह फसल की कटाई के बाद शुरू हो सकती है।
आमतौर पर असंगठित क्षेत्र से उधार ली गई राशि पर उच्च ब्याज लगता है। किसानों को इस नाजायज दबाव से बचाने के लिए पीएम किसान क्रेडिट कार्ड का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के तहत विशेष क्रेडिट कार्ड किसान को औसतन 4 प्रतिशत ब्याज दर पर राशि उधार लेने के लिए अनुमति देता है। कई स्थितियों में दर 2 प्रतिशत तक कम हो सकती है। केवल यह ही नहीं, किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन के लिए पुनर्भुगतान अवधि भी सुविधाजनक है, जैसे कि यह फसल की कटाई के बाद शुरू हो सकती है।

09:36, 17 अप्रैल 2022 के समय का अवतरण

किसान क्रेडिट कार्ड (अंग्रेज़ी: Kisan Credit Card) योजना की शुरुआत अगस्त 1998 में तत्कालीन वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा की गई थी। देश के किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की एक कोशिश में भारत सरकार ने 1998 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया था, जिसे पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना के नाम से भी जाना जाता है। यह योजना किसानों को लोन के रूप में अल्पकालिक औपचारिक क्रेडिट देने के लिए नाबार्ड की ओर से बनाई गई थी। इस तरह के लोन की आसान पहुंच और कम ब्याज दर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कृषि, मछली पालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों की क्रेडिट जरूरतों को बिना किसी गड़बड़ी के पूरा किया जा सके।[1]

क्या है 'किसान क्रेडिट कार्ड'

आमतौर पर असंगठित क्षेत्र से उधार ली गई राशि पर उच्च ब्याज लगता है। किसानों को इस नाजायज दबाव से बचाने के लिए पीएम किसान क्रेडिट कार्ड का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के तहत विशेष क्रेडिट कार्ड किसान को औसतन 4 प्रतिशत ब्याज दर पर राशि उधार लेने के लिए अनुमति देता है। कई स्थितियों में दर 2 प्रतिशत तक कम हो सकती है। केवल यह ही नहीं, किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन के लिए पुनर्भुगतान अवधि भी सुविधाजनक है, जैसे कि यह फसल की कटाई के बाद शुरू हो सकती है।

लाभ

पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत कार्ड लेने की विशेषताएं और लाभ निम्न हैं-

  • कृषि और अन्य सम्बद्ध कार्यकलापों में किसान, किसान लोन योजना का लाभ उठा सकते हैं।
  • पीएम किसान लोन राशि बैंकों के हिसाब से अलग-अलग होती है और कुछ स्थितियों में यह 3 लाख रुपये तक भी हो सकती है।
  • किसान क्रेडिट लोन के लिए संवितरण प्रक्रिया बहुत आसान और तेज़ है।[1]
  • पीएम किसान क्रेडिट कार्ड लोन पुनर्भुगतान प्रक्रिया सुविधाजनक है और इसे कटाई के समय के बाद किया जा सकता है।
  • इस योजना के अंतर्गत जब खाद और बीज वगैरह खरीदने का समय आता है तो सहायता के साथ साथ छूट भी मिलती है।
  • यदि किसान क्रेडिट कार्ड लोन राशि 1।60 रुपये से कम है तो अधिकतर बैंकों को संपार्श्विक देने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • ब्याज दर, जो औसतन 4 प्रतिशत है, बैंकों के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है और कम से कम 2 प्रतिशत तक हो सकती है।
  • किसान क्रेडिट कार्ड पर लिए गए लोन पर लगाए गए ब्याज में छूट पुनर्भुगतान इतिहास और क्रेडिट इतिहास के आधार पर ऑफर की जा सकती है।
  • प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड स्थाई विकलांगता या मृत्यु के खिलाफ बीमा कवरेज के रूप में 50,000 रुपय तक प्रदान करती है।
  • अन्य जोखिमों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत ऑफर किया गए बीमा कवर ₹ 25,000 है।
  • अन्य फीस और शुल्क लगाना जैसे प्रोसेसिंग फीस, बीमा की किश्त, मॉर्गेज शुल्क आदि बैंकों के हिसाब से अलग-अलग होते हैं।
  • कटाई के बाद के खर्चों को पूरा करने के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड लोन प्रदान किया जाता है।

पीएम किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। भारत में कई बैंक ऐसे हैं, जैसे एक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक आदि, जो पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लाभ ऑफ़र करते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है? (हिंदी) bajajfinservmarkets.in। अभिगमन तिथि: 17 अप्रॅल, 2022।

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