"पहेली 28 सितम्बर 2022": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Surendranath-Banerjee.jpg|right|100px|सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]]'सुरेन्द्रनाथ बनर्जी' ने [[बंगाल विभाजन]] का घोर विरोध किया था। विभाजन के विरोध में [[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] ने ज़बर्दस्त आंदोलन चलाया, जिससे वे [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] के निर्विवाद रूप से नेता मान लिये गये। वे बंगाल के 'बिना ताज़ के बादशाह' कहलाने लगे थे। [[बंगाल का विभाजन]] [[1911]] ई. में रद्द कर दिया गया, जो सुरेन्द्रनाथ बनर्जी की एक बहुत बड़ी जीत थी। लेकिन इस समय तक देशवासियों में एक नया वर्ग पैदा हो गया था, जिसका विचार था कि [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के वैधानिक आंदोलन विफल सिद्ध हुए हैं और [[भारत]] में स्वराज्य प्राप्ति के लिए और प्रभावपूर्ण नीति अपनाई जानी | ||[[चित्र:Surendranath-Banerjee.jpg|right|100px|सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]]'सुरेन्द्रनाथ बनर्जी' ने [[बंगाल विभाजन]] का घोर विरोध किया था। विभाजन के विरोध में [[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] ने ज़बर्दस्त आंदोलन चलाया, जिससे वे [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] के निर्विवाद रूप से नेता मान लिये गये। वे बंगाल के 'बिना ताज़ के बादशाह' कहलाने लगे थे। [[बंगाल का विभाजन]] [[1911]] ई. में रद्द कर दिया गया, जो सुरेन्द्रनाथ बनर्जी की एक बहुत बड़ी जीत थी। लेकिन इस समय तक देशवासियों में एक नया वर्ग पैदा हो गया था, जिसका विचार था कि [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के वैधानिक आंदोलन विफल सिद्ध हुए हैं और [[भारत]] में स्वराज्य प्राप्ति के लिए और प्रभावपूर्ण नीति अपनाई जानी चाहिए।→अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] | ||
-[[राजा राममोहन राय]] | -[[राजा राममोहन राय]] | ||
-[[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]] | -[[ईश्वर चन्द्र विद्यासागर]] |
11:05, 18 सितम्बर 2022 के समय का अवतरण
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