"पहेली 20 नवम्बर 2022": अवतरणों में अंतर
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||[[चित्र:Tomb-of-Mohammad-Ghaus.jpg|right|border|80px|गौस मोहम्मद का मक़बरा]]शाह मोहम्मद गौस सूफ़ी संत ने [[कृष्ण]] को औलिया के रूप में माना था। मोहम्मद गौस ने [[बाबर]], [[हुमायूं]] व [[अकबर]] तीनों [[ | ||[[चित्र:Tomb-of-Mohammad-Ghaus.jpg|right|border|80px|गौस मोहम्मद का मक़बरा]]शाह मोहम्मद गौस सूफ़ी संत ने [[कृष्ण]] को औलिया के रूप में माना था। मोहम्मद गौस ने [[बाबर]], [[हुमायूं]] व [[अकबर]] तीनों [[मुग़ल]] सम्राटों का कार्यकाल देखा। चूंकि ये तीनों मुग़ल सम्राट इनके शिष्य थे, इस कारण दरबार में उन्हें उच्च स्थान प्रदान किया गया। गौस सूफ़ियों के सत्तारी संप्रदाय के अनुयायी थे। [[इतिहासकार]] अजीज अहमद के अनुसार सत्तारी संप्रदाय के सूफ़ी भारतीय योगियों की तरह [[फल]], पत्ती आदि पर रहते थे एवं योगियों के समान आध्यात्मिक व शारीरिक क्रिया ([[ध्यान]], धारणा व समाधि) करते थे। मोहम्मद गौस की मृत्यु [[आगरा]] में हुई, लेकिन उन्हें दफन [[ग्वालियर]] में किया था। गौस के मक़बरे का निर्माण सम्राट अकबर ने सन 1606 में कराया।→अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गौस मोहम्मद का मक़बरा]] | ||
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12:00, 23 सितम्बर 2022 के समय का अवतरण
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