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देवघर नगर, [[झारखंड]] राज्य, पूर्वोत्तर [[भारत]] में स्थित है। इसे देवगढ़ भी कहा जाता है। यह सड़क और रेलवे का बड़ा जंक्शन तथा कृषि एवं व्यापार का प्रमुख केंद्र है। यह एक प्राचीन नगर है, जो भगवान [[शिव]] को समर्पित 22 मंदिरों के समूह के लिए प्रसिद्ध है। इन मंदिरों के आसपास कुछ बौद्ध कालीन पुरावशेष भी हैं। देवघर में एक अस्पताल, क्षय रोग चिकित्सालय और कुछ आश्रम भी है। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। | देवघर नगर, [[झारखंड]] राज्य, पूर्वोत्तर [[भारत]] में स्थित है। इसे देवगढ़ भी कहा जाता है। यह सड़क और रेलवे का बड़ा जंक्शन तथा कृषि एवं व्यापार का प्रमुख केंद्र है। यह एक प्राचीन नगर है, जो भगवान [[शिव]] को समर्पित 22 मंदिरों के समूह के लिए प्रसिद्ध है। इन मंदिरों के आसपास कुछ बौद्ध कालीन पुरावशेष भी हैं। देवघर में एक अस्पताल, [[क्षय रोग]] चिकित्सालय और कुछ आश्रम भी है। यह स्थान [[संथाल परगना]] के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है। | ||
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09:31, 28 मई 2015 के समय का अवतरण
देवघर | देवघर पर्यटन | देवघर ज़िला |
देवघर नगर, झारखंड राज्य, पूर्वोत्तर भारत में स्थित है। इसे देवगढ़ भी कहा जाता है। यह सड़क और रेलवे का बड़ा जंक्शन तथा कृषि एवं व्यापार का प्रमुख केंद्र है। यह एक प्राचीन नगर है, जो भगवान शिव को समर्पित 22 मंदिरों के समूह के लिए प्रसिद्ध है। इन मंदिरों के आसपास कुछ बौद्ध कालीन पुरावशेष भी हैं। देवघर में एक अस्पताल, क्षय रोग चिकित्सालय और कुछ आश्रम भी है। यह स्थान संथाल परगना के अंतर्गत आता है। देवघर शांति और भाईचारे का प्रतीक है।
इतिहास
मुस्लिम हमलावर बख़्तियार ख़िलजी ने बिहार पर विजय के बाद 1201 में देवघर को अपनी राजधानी बनाया था। 1869 में यहाँ नगरपालिका का गठन हुआ।
शिक्षण संस्थान
भागलपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध अनेक महाविद्यालय (शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान सहित) है।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 98,372 है। और देवघर ज़िले की कुल जनसंख्या 11,61,370 है।
पर्यटन
झारखंड कुछ प्रमुख तीर्थस्थानों का केंद्र है जिनका ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है। इन्हीं में से एक स्थान है देवघर।
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