"अंधता": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(4 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 7 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*किसी व्यक्ति की नेत्रहीनता को अंधता कह्ते हैं।
*किसी की भी नेत्रहीनता को '''अंधता''' कहते हैं, देख न पाने की अवस्था, दृष्टि का अभाव।
*यह रोग जन्मजात भी होता है, और किसी परिस्थति अनुसार भी हो जाता है। जैसे- [[सूरदास]]
*यह रोग जन्मजात भी होता है, और किसी परिस्थति अनुसार भी हो जाता है।  
 
{{शब्द संदर्भ लघु
{{शब्द संदर्भ लघु
|हिन्दी=अंधापन, मूर्खता।
|हिन्दी=अंधे होने की अवस्था या भाव।
|व्याकरण=स्त्रीलिंग ([[संज्ञा व्याकरण|संज्ञा]]- अंध+तल्-टाप्]
|व्याकरण=स्त्रीलिंग, [[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]]
|उदाहरण=अंधे होने की अवस्था या भाव।
|उदाहरण='''अंधता''' महाकवि [[सूरदास]] जी की कला सृजन में कभी आड़े नहीं आई जबकि वे [[जन्मांध]] थे।
|विशेष=
|विशेष=
|पर्यायवाची=
|पर्यायवाची=अंधापन, नेत्रहीनता, प्रज्ञा चक्षु
|संस्कृत=
|संस्कृत=[अंध+तल्-टाप्]
|अन्य ग्रंथ=
|अन्य ग्रंथ=
}}
}}


{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
[[Category:नया पन्ना]]
__INDEX__
__INDEX__

08:16, 16 जनवरी 2011 के समय का अवतरण

  • किसी की भी नेत्रहीनता को अंधता कहते हैं, देख न पाने की अवस्था, दृष्टि का अभाव।
  • यह रोग जन्मजात भी होता है, और किसी परिस्थति अनुसार भी हो जाता है।
शब्द संदर्भ
हिन्दी अंधे होने की अवस्था या भाव।
-व्याकरण    स्त्रीलिंग, संज्ञा
-उदाहरण   अंधता महाकवि सूरदास जी की कला सृजन में कभी आड़े नहीं आई जबकि वे जन्मांध थे।
-विशेष   
-विलोम   
-पर्यायवाची    अंधापन, नेत्रहीनता, प्रज्ञा चक्षु
संस्कृत [अंध+तल्-टाप्]
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश