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|व्याकरण=स्त्रीलिंग- मुकरना
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|उदाहरण=सगरि रैन वह मो संग जागा। भोर भई तब बिछुरन लागा। वाके बिछरत फाटे हिया। क्यों सखि साजन ना सखि दिया। - [[अमीर खुसरो]]।
|उदाहरण=सगरि रैन वह मो संग जागा। भोर भई तब बिछुरन लागा। वाके बिछरत फाटे हिया। क्यों सखि साजन ना सखि दिया। - [[अमीर खुसरो]]।
|विशेष=हिंदी में अमीर खुसरो की मुकरियाँ प्रसिद्ध हैं। इसी को ‘कह-मुकरी’ भी कहते हैं साहित्यिक दृष्टि से मुकरियों का विषय [[छेकापह्रुति अलंकार]] के अंतर्गत आता है।
|विशेष=हिन्दी में अमीर खुसरो की मुकरियाँ प्रसिद्ध हैं। इसी को ‘कह-मुकरी’ भी कहते हैं साहित्यिक दृष्टि से मुकरियों का विषय [[छेकापह्रुति अलंकार]] के अंतर्गत आता है।
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11:03, 14 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण

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  1. मुकरी (पहेली)- लोकप्रचलित पहेली
  2. मुकरी (अभिनेता)- अभिनेता का नाम


शब्द संदर्भ
हिन्दी मुकरने की क्रिया या भाव, एक प्रकार की लोक-प्रचलित कविता जिसका रूप बहुत कुछ पहेली का सा होता है।
-व्याकरण    स्त्रीलिंग- मुकरना
-उदाहरण   सगरि रैन वह मो संग जागा। भोर भई तब बिछुरन लागा। वाके बिछरत फाटे हिया। क्यों सखि साजन ना सखि दिया। - अमीर खुसरो
-विशेष    हिन्दी में अमीर खुसरो की मुकरियाँ प्रसिद्ध हैं। इसी को ‘कह-मुकरी’ भी कहते हैं साहित्यिक दृष्टि से मुकरियों का विषय छेकापह्रुति अलंकार के अंतर्गत आता है।
-विलोम   
-पर्यायवाची   
संस्कृत
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
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