"त्रिदेवपरीक्षा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - " महान " to " महान् ")
 
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*एक बार [[देवता|देवताओं]] के मन में संशय उठा कि [[ब्रह्मा]], [[विष्णु]], [[महेश]] में से कौन सबसे महान है। उसकी परीक्षा के लिए [[भृगु]] को नियुक्त किया गया।  
*एक बार [[देवता|देवताओं]] के मन में संशय उठा कि [[ब्रह्मा]], [[विष्णु]], [[महेश]] में से कौन सबसे महान् है। उसकी परीक्षा के लिए [[भृगु]] को नियुक्त किया गया।  
*भृगु सबसे पहले ब्रह्मा के पास पहुँचे तथा उन्हें अभिवादन इत्यादि किये बिना ही उनकी सभा में चले गये। ब्रह्मा ने अपना पुत्र जानकर क्रोधवेश दबा लिया।  
*भृगु सबसे पहले ब्रह्मा के पास पहुँचे तथा उन्हें अभिवादन इत्यादि किये बिना ही उनकी सभा में चले गये। ब्रह्मा ने अपना पुत्र जानकर क्रोधवेश दबा लिया।  
*भृगु शिव के पास गये। शिव ने हाथ बढ़ाकर उनका आलिंगन करना चाहा, किन्तु वे उन्हें उलटी-सीधी बातें कहने लगे। शिव त्रिशूल उठाकर उनके पीछे भागे। [[सती]] ने उन्हें रोका तथा शान्त किया।  
*भृगु शिव के पास गये। शिव ने हाथ बढ़ाकर उनका आलिंगन करना चाहा, किन्तु वे उन्हें उलटी-सीधी बातें कहने लगे। शिव त्रिशूल उठाकर उनके पीछे भागे। [[सती]] ने उन्हें रोका तथा शान्त किया।  
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
*देवताओं ने माना कि विष्णु ही सर्वश्रेष्ठ हैं।  
*देवताओं ने माना कि विष्णु ही सर्वश्रेष्ठ हैं।  


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=
|आधार=
पंक्ति 12: पंक्ति 13:
|शोध=
|शोध=
}}
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
पंक्ति 17: पंक्ति 19:
{{कथा}}  
{{कथा}}  
[[Category:कथा साहित्य]][[Category:कथा साहित्य कोश]]
[[Category:कथा साहित्य]][[Category:कथा साहित्य कोश]]
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]  
__INDEX__
__INDEX__

14:08, 30 जून 2017 के समय का अवतरण

  • एक बार देवताओं के मन में संशय उठा कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश में से कौन सबसे महान् है। उसकी परीक्षा के लिए भृगु को नियुक्त किया गया।
  • भृगु सबसे पहले ब्रह्मा के पास पहुँचे तथा उन्हें अभिवादन इत्यादि किये बिना ही उनकी सभा में चले गये। ब्रह्मा ने अपना पुत्र जानकर क्रोधवेश दबा लिया।
  • भृगु शिव के पास गये। शिव ने हाथ बढ़ाकर उनका आलिंगन करना चाहा, किन्तु वे उन्हें उलटी-सीधी बातें कहने लगे। शिव त्रिशूल उठाकर उनके पीछे भागे। सती ने उन्हें रोका तथा शान्त किया।
  • तदन्तर भृगु विष्णु के पास गये। विष्णु लक्ष्मी की गोद में सिर रखकर लेटे हुए थे। भृगु ने उनकी छाती पर अपने पैर से प्रहार किया। विष्णु ने तुरन्त उठकर उनसे क्षमा-याचना की कि उनके आगमन का ज्ञान न होने के कारण वे सुचारु सेवा नहीं कर पाये।
  • देवताओं ने माना कि विष्णु ही सर्वश्रेष्ठ हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख