"अम्बकेश्वर महादेव मंदिर कैथल": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "कद " to "क़द ") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*[[हरियाणा]] में स्थित [[कैथल]] एक [[कैथल पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है। | *[[हरियाणा]] में स्थित [[कैथल]] एक [[कैथल पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है। | ||
*ऐतिहासिक उल्लेख के अनुसार इस स्थान पर [[मोहम्मद गौरी]] से युद्ध के समय [[पृथ्वीराज चौहान]] की सेना ने पड़ाव डाला था और शीलाखेड़ा के राजा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। | *ऐतिहासिक उल्लेख के अनुसार इस स्थान पर [[मोहम्मद गौरी]] से युद्ध के समय [[पृथ्वीराज चौहान]] की सेना ने पड़ाव डाला था और शीलाखेड़ा के राजा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। | ||
*एक जनश्रुति के अनुसार मुसलमानों ने अम्बकेश्वर मंदिर में शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास भी किया था, लेकिन कहते हैं कि जब उन्होंने इस पर प्रहार किये, तो शिवलिंग से | *एक जनश्रुति के अनुसार मुसलमानों ने अम्बकेश्वर मंदिर में [[शिवलिंग]] को तोड़ने का प्रयास भी किया था, लेकिन कहते हैं कि जब उन्होंने इस पर प्रहार किये, तो शिवलिंग से ख़ून निकला जिसे देखकर मुसलमान भयभीत हो गए। | ||
*आज भी प्रहार के चिह्न इस शिवलिंग पर देखे जा सकते हैं। | *आज भी प्रहार के चिह्न इस शिवलिंग पर देखे जा सकते हैं। | ||
*अम्बकेश्वर मंदिर में ही अम्बिका | *अम्बकेश्वर मंदिर में ही अम्बिका अर्थात् [[काली]] देवी की भी आदमक़द प्रतिमा है। | ||
{{लेख प्रगति | {{प्रचार}} | ||
|आधार= | {{लेख प्रगति | ||
|प्रारम्भिक= | |आधार= | ||
|माध्यमिक= | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | ||
|पूर्णता= | |माध्यमिक= | ||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
पंक्ति 15: | पंक्ति 16: | ||
{{हरियाणा के पर्यटन स्थल}} | {{हरियाणा के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:हरियाणा]][[Category:हरियाणा_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]] | [[Category:हरियाणा]][[Category:हरियाणा_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]] | ||
[[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
07:55, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
- हरियाणा में स्थित कैथल एक पर्यटन स्थल है।
- ऐतिहासिक उल्लेख के अनुसार इस स्थान पर मोहम्मद गौरी से युद्ध के समय पृथ्वीराज चौहान की सेना ने पड़ाव डाला था और शीलाखेड़ा के राजा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
- एक जनश्रुति के अनुसार मुसलमानों ने अम्बकेश्वर मंदिर में शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास भी किया था, लेकिन कहते हैं कि जब उन्होंने इस पर प्रहार किये, तो शिवलिंग से ख़ून निकला जिसे देखकर मुसलमान भयभीत हो गए।
- आज भी प्रहार के चिह्न इस शिवलिंग पर देखे जा सकते हैं।
- अम्बकेश्वर मंदिर में ही अम्बिका अर्थात् काली देवी की भी आदमक़द प्रतिमा है।
|
|
|
|
|