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{खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है?
|type="[]"}
- [[फ़ारसी भाषा]]
- [[अरबी भाषा]]
+ [[उर्दू भाषा]]
- अदालती भाषा
|| [[उर्दू भाषा]] भारतीय-आर्य भाषा है, जो भारतीय संघ की 18 राष्ट्रीय भाषाओं में से एक व [[पाकिस्तान]] की राष्ट्रभाषा है। हालाँकि यह [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] और [[अरबी भाषा|अरबी]] से प्रभावित है, लेकिन यह [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]] के निकट है और इसकी उत्पत्ति और विकास भारतीय उपमहाद्वीप में ही हुआ। दोनों भाषाएँ एक ही भारतीय आधार से उत्पन्न हुई हैं। हिन्दी के लिए [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] का उपयोग होता है और उर्दू के लिए फ़ारसी-अरबी लिपि प्रयुक्त होती है, जिसे आवश्यकतानुसार स्थानीय रूप में परिवर्तित कर लिया गया है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[उर्दू भाषा]]}}


{सतत् और सही दिशा की रेखा के गुणधर्म को बनाये रखने में किस प्रक्षेप का उपयोग किया जाता है?
|type="[]"}
+ मर्केटर
- नोमोनिक
- खमध्य
- शांकव
{निम्नलिखित में से किस एक की ऊँचाई औसत समुद्र तल से सबसे अधिक है?
|type="[]"}
- पारसनाथ
- पचमढ़ी
- दोदाबेटा
+ अनइमुडी
=====[[हिन्दी भाषा]] का पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्ताण्ड' किस सन् में प्रकाशित हुआ था?=====
{{Opt|विकल्प 1=(1821)|विकल्प 2=(1826)|विकल्प 3=(1828)|विकल्प 4=(1830)}}{{Ans|विकल्प 1=(1821)|विकल्प 2='''(1826)'''{{Check}}|विकल्प 3=(1828)|विकल्प 4=(1830)|विवरण=}}
=====हिन्दी के किस समाचार-पत्र में 'खड़ीबोली' को 'मध्यदेशीय भाषा' कहा गया है?=====
{{Opt|विकल्प 1=बनारस अखबार|विकल्प 2=सुधाकर|विकल्प 3=बुद्धिप्रकाश|विकल्प 4=उदंत मार्तण्ड}}{{Ans|विकल्प 1='''बनारस अखबार'''{{Check}}|विकल्प 2=सुधाकर|विकल्प 3=बुद्धिप्रकाश|विकल्प 4=उदंत मार्तण्ड|विवरण=}}
====='गाथा' (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है?=====
{{Opt|विकल्प 1=पालि|विकल्प 2=प्राकृत|विकल्प 3=अपभ्रंश|विकल्प 4=संस्कृत}}{{Ans|विकल्प 1=[[पालि भाषा|पालि]]|विकल्प 2='''[[प्राकृत]]'''{{Check}}|विकल्प 3=अपभ्रंश|विकल्प 4=[[संस्कृत भाषा|संस्कृत]]|विवरण=प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब [[संस्कृत]] का महत्व कम होने लगा तो प्राकृत भाषा अधिक व्यवहार में आने लगी। इसके चार रूप विशेषत: उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[प्राकृत|प्राकृत भाषा]]}}
=====सिद्धों की उद्धृत रचनाओं की काव्य भाषा है?=====
{{Opt|विकल्प 1=देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी [[हिन्दी]]|विकल्प 2=प्राकृत भाषा|विकल्प 3=अवहट्ठ भाषा|विकल्प 4=पालि भाषा}}{{Ans|विकल्प 1='''देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी हिन्दी'''{{Check}}|विकल्प 2=प्राकृत भाषा|विकल्प 3=अवहट्ठ भाषा|विकल्प 4=[[पालि भाषा]]|विवरण=}}
=====अपभ्रंश भाषा के प्रथम व्याकरणाचार्य थे?=====
{{Opt|विकल्प 1=पाणिनि|विकल्प 2=कात्यायन|विकल्प 3=हेमचन्द्र|विकल्प 4=पतंजलि}}{{Ans|विकल्प 1=[[पाणिनि]]|विकल्प 2=[[कात्यायन]]|विकल्प 3='''[[हेमचन्द्र]]'''{{Check}}|विकल्प 4=[[पतंजलि]]|विवरण=}}
====='जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का नाम है?=====
{{Opt|विकल्प 1=स्वयंभू|विकल्प 2=देवसेन|विकल्प 3=पुष्यदन्त|विकल्प 4=कनकामर}}{{Ans|विकल्प 1=स्वयभू|विकल्प 2='''[[देवसेन]]'''{{Check}}|विकल्प 3=पुष्यदन्त|विकल्प 4=कनकामर|विवरण=}}
=====प्रादेशिक बोलियाँ के साथ [[ब्रज]] या मध्य देश की भाषा का आश्रय लेकर एक सामान्य साहित्यिक भाषा स्वीकृत हुई, जिसे चारणों ने नाम दिया?=====
{{Opt|विकल्प 1=डिंगल भाषा|विकल्प 2=मेवाड़ी भाषा|विकल्प 3=मारवाड़ी भाषा|विकल्प 4=पिंगल भाषा}}{{Ans|विकल्प 1=डिंगल भाषा|विकल्प 2=मेवाड़ी भाषा|विकल्प 3=मारवाड़ी भाषा|विकल्प 4='''पिंगल भाषा'''{{Check}}|विवरण=}}
=====अपभ्रंश के योग से [[राजस्थानी भाषा]] का जो साहित्यिक रुप बना, उसे कहा जाता है?=====
{{Opt|विकल्प 1=पिंगल भाषा|विकल्प 2=डिंगल भाषा|विकल्प 3=मेवाड़ी भाषा|विकल्प 4=बाँगरु भाषा}}{{Ans|विकल्प 1=पिंगल भाषा|विकल्प 2='''डिंगल भाषा'''{{Check}}|विकल्प 3=मेवाड़ी भाषा|विकल्प 4=बाँगरु भाषा|विवरण=}}

09:42, 27 दिसम्बर 2010 के समय का अवतरण