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| {खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप है?
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| - [[फ़ारसी भाषा]]
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| - [[अरबी भाषा]]
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| + [[उर्दू भाषा]]
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| - अदालती भाषा
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| || [[उर्दू भाषा]] भारतीय-आर्य भाषा है, जो भारतीय संघ की 18 राष्ट्रीय भाषाओं में से एक व [[पाकिस्तान]] की राष्ट्रभाषा है। हालाँकि यह [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] और [[अरबी भाषा|अरबी]] से प्रभावित है, लेकिन यह [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]] के निकट है और इसकी उत्पत्ति और विकास भारतीय उपमहाद्वीप में ही हुआ। दोनों भाषाएँ एक ही भारतीय आधार से उत्पन्न हुई हैं। हिन्दी के लिए [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] का उपयोग होता है और उर्दू के लिए फ़ारसी-अरबी लिपि प्रयुक्त होती है, जिसे आवश्यकतानुसार स्थानीय रूप में परिवर्तित कर लिया गया है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[उर्दू भाषा]]}}
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| {[[हिन्दी भाषा]] का पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्ताण्ड' किस सन् में प्रकाशित हुआ था?
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| - (1821)
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| + (1826)
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| - (1828)
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| - (1830)
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| {हिन्दी के किस समाचार-पत्र में 'खड़ीबोली' को 'मध्यदेशीय भाषा' कहा गया है?
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| + बनारस अखबार
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| - सुधाकर
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| - बुद्धिप्रकाश
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| - उदंत मार्तण्ड
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| {'गाथा' (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है?
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| - [[पालि भाषा|पालि]]
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| + '[[प्राकृत]]
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| - अपभ्रंश
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| - [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]]
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| || प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब [[संस्कृत]] का महत्व कम होने लगा तो प्राकृत भाषा अधिक व्यवहार में आने लगी। इसके चार रूप विशेषत: उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[प्राकृत|प्राकृत भाषा]]}}
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| {सिद्धों की उद्धृत रचनाओं की काव्य भाषा है?
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| + देशभाषा मिश्रित अपभ्रंश अर्थात् पुरानी हिन्दी
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| - प्राकृत भाषा
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| - अवहट्ठ भाषा
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| - [[पालि भाषा]]
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| {अपभ्रंश भाषा के प्रथम व्याकरणाचार्य थे?
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| |type="[]"}
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| - [[पाणिनि]]
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| - [[कात्यायन]]
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| + [[हेमचन्द्र]]
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| - [[पतंजलि]]
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| {'जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सार। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥' इस दोहे के रचनाकार का नाम है?
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| |type="[]"}
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| - स्वयभू
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| + [[देवसेन]]
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| - पुष्यदन्त
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| - कनकामर
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| {प्रादेशिक बोलियाँ के साथ [[ब्रज]] या मध्य देश की भाषा का आश्रय लेकर एक सामान्य साहित्यिक भाषा स्वीकृत हुई, जिसे चारणों ने नाम दिया?
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| - डिंगल भाषा
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| - मेवाड़ी भाषा
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| - मारवाड़ी भाषा
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| + पिंगल भाषा
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| {अपभ्रंश के योग से [[राजस्थानी भाषा]] का जो साहित्यिक रुप बना, उसे कहा जाता है?
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| - पिंगल भाषा
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| + डिंगल भाषा
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| - मेवाड़ी भाषा
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| - बाँगरु भाषा
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| {[[अमीर ख़ुसरो]] ने जिन मुकरियों, पहेलियों और दो सुखनों की रचना की है, उसकी मुख्य भाषा है?
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| |type="[]"}
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| - दक्खिनी
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| + खड़ीबोली
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| - बुन्देली
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| - बघेली
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| {'एक नगर पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी।' यह पंक्ति किस भाषा की है?
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| |type="[]"}
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| + [[ब्रजभाषा]]
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| - खड़ीबोली भाषा
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| - अपभ्रंश भाषा
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| - कन्नौजी भाषा
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| [[ब्रजभाषा]] मूलत: ब्रजक्षेत्र की बोली है। विक्रम की 13वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक भारत में साहित्यिक भाषा रहने के कारण [[ब्रज]] की इस जनपदीय बोली ने अपने विकास के साथ भाषा नाम प्राप्त किया और ब्रजभाषा नाम से जानी जाने लगी। शुद्ध रूप में यह आज भी [[मथुरा]], [[आगरा]], [[धौलपुर]] और अलीगढ़ जिलों में बोली जाती है। इसे हम केंद्रीय ब्रजभाषा भी कह सकते हैं। आधुनिक ब्रजभाषा 1 करोड़ 23 लाख जनता के द्वारा बोली जाती है और लगभग 38,000 वर्गमील के क्षेत्र में फैली हुई है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[ब्रजभाषा]]}}
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| {किस भाषा को वैज्ञानिक ने [[बिहारी भाषाएँ|बिहारी]] और [[मैथिली भाषा|मैथिली]] मागधी से निकली होने के कारण हिन्दी से पृथक् माना है?
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| |type="[]"}
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| - हार्नले
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| + सुनीति कुमार चटर्जी
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| - जॉर्ज ग्रियर्सन
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| - धीरेन्द्र वर्मा
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| {[[देवनागरी लिपि]] को राष्ट्रलिपि के रूप में कब स्वीकार किया गया था??
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| |type="[]"}
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| +([[14 सितम्बर]], [[1949]])
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| - ([[21 सितम्बर]], 1949)
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| - ([[23 सितम्बर]], 1949)
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| - ([[25 सितम्बर]], 1949)
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| {'रानी केतकी की कहानी' की भाषा को कहा जाता है?
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| |type="[]"}
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| - हिन्दुस्तानी
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| + खड़ीबोली
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| - [[उर्दू भाषा|उर्दू]]
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| - अपभ्रंश
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| {[[देवनागरी लिपि]] का विकास किस लिपि से हुआ है?
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| |type="[]"}
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| - [[खरोष्ठी लिपि]]
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| - कुटिल लिपि
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| + [[ब्राह्मी लिपि]]
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| - गुप्तकाल की लिपि
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| ||[[चित्र:Devnagari-Lipi.jpg|thumb|200px|[[अशोक]] की ब्राह्मी लिपि के अक्षर]] प्राचीन ब्राह्मी लिपि के उत्कृष्ट उदाहरण सम्राट [[अशोक]] (असोक) द्वारा ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में बनवाये गये शिलालेखों के रूप में अनेक स्थानों पर मिलते है । नये अनुसंधानों के आधार 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के लेख भी मिले है। ब्राह्मी भी [[खरोष्ठी]] की तरह ही पूरे [[एशिया]] में फैली हुई थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[ब्राह्मी लिपि]]
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| {'बाँगरू' बोली का किस बोली से निकट सम्बन्ध है?
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| |type="[]"}
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| - कन्नौजी
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| - बुन्देली
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| - [[ब्रजभाषा]]
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| +खड़ीबोली
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| ===== मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाओं का स्थिति काल रहा है?=====
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| {{Opt|विकल्प 1=(1500 ई.पू. से 500 ई.पू.)|विकल्प 2=(1000 ई.पू. से 500 ई.पू.)|विकल्प 3=(500 ई.पू. से 600 ई.पू.)|विकल्प 4=(500 ई.पू. से 1000 ई.पू.)}}{{Ans|विकल्प 1=(1500 ई.पू. से 500 ई.पू.)|विकल्प 2=(1000 ई.पू. से 500 ई.पू.)|विकल्प 3=(500 ई.पू. से 600 ई.पू.)|विकल्प 4='''(500 ई.पू. से 1000 ई.पू.)'''{{Check}}|विवरण=}}
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| ===== 'प्राचीन देशभाषा' (पूर्व अपभ्रंश) को 'अपभ्रंश' तथा परवर्ती अर्थात् अग्रसरीभूत अपभ्रंश को 'अवहट्ठ' किस भाषा वैज्ञानिक ने कहा है?=====
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| {{Opt|विकल्प 1=ग्रियर्सन|विकल्प 2=भोलानाथ तिवारी|विकल्प 3=सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन|विकल्प 4=उदयनारायण तिवारी}}{{Ans|विकल्प 1=ग्रियर्सन|विकल्प 2=भोलानाथ तिवारी|विकल्प 3='''सुनीतिकुमार चटर्जी एवं सुकुमार सेन'''{{Check}}|विकल्प 4=उदयनारायण तिवारी|विवरण=}}
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