"मौलिक": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
|उदाहरण= मानव [[ह्रदय]] की मौलिक भावना है स्नेह।<ref>[[जयशंकर प्रसाद|प्रसाद]] (तितली, परिच्छेद 3) ([[छन्द]]) 'पद्धरि' नामक्ज मात्रिक छन्द। (दे. 'पद्धरि' छन्द)</ref>
|उदाहरण= मानव [[ह्रदय]] की मौलिक भावना है स्नेह।<ref>[[जयशंकर प्रसाद|प्रसाद]] (तितली, परिच्छेद 3) ([[छन्द]]) 'पद्धरि' नामक्ज मात्रिक छन्द। (दे. 'पद्धरि' छन्द)</ref>
|विशेष=   
|विशेष=   
|पर्यायवाची=असली, वास्तविक
|पर्यायवाची=असली, वास्तविक, आधारभूत, बुनियादी, मूलक, मूलगत, मुख्य कोटीय, मुख्य, मुख्य वर्गीय
|संस्कृत= स्त्रीलिंग- की [मूल+ठञ]
|संस्कृत= स्त्रीलिंग- की [मूल+ठञ]
|अन्य ग्रंथ=
|अन्य ग्रंथ=

06:29, 10 जनवरी 2011 का अवतरण

शब्द संदर्भ
हिन्दी मूलोद्भूत, मूल के सम्बन्धित, मूल या जड़ से सम्बन्ध रखनेवाला, मूल तत्त्व या सिद्धान्त से सम्बन्ध रखने वाला, (कृति, ग्रन्थ या विचार) जो बिलकुल नया हो तथा किसी की उदभावना से उदभूत हो।
-व्याकरण    (संस्कृत भाषा= मूल+ठञ्), विशेषण- मूल से उत्पन्न
-उदाहरण   मानव ह्रदय की मौलिक भावना है स्नेह।[1]
-विशेष   
-विलोम   
-पर्यायवाची    असली, वास्तविक, आधारभूत, बुनियादी, मूलक, मूलगत, मुख्य कोटीय, मुख्य, मुख्य वर्गीय
संस्कृत स्त्रीलिंग- की [मूल+ठञ]
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द मूलिकः, मूलभूत, मूलिक, मौलिकता
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. प्रसाद (तितली, परिच्छेद 3) (छन्द) 'पद्धरि' नामक्ज मात्रिक छन्द। (दे. 'पद्धरि' छन्द)