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11:00, 16 जनवरी 2011 का अवतरण
- आरगाँव की लड़ाई, 29 नवम्बर 1803 ई. में आर्थर वेलेजली के नेतृत्व में अंग्रेज़ों और नागपुर के भोंसला शासक रघुजी भोंसले द्वितीय के नेतृत्व में मराठा दल के बीच हुई।
- यह लड़ाई द्वितीय मराठा युद्ध के सिलसिले में हुई थी।
- इसमें रघुजी भोंसले द्वितीय की सेना निर्णायक ढंग से परास्त हुई और अंग्रेज़ी सेना का गवीलगढ़ के क़िले पर अधिकार हो गया।
- रघुजी भोंसले द्वितीय ने दिसम्बर 1803 ई. में देवगढ़ की सन्धि करके अंग्रेज़ों का आश्रित होना स्वीकार कर लिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ