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11:43, 10 जनवरी 2011 का अवतरण
हिन्दी | शीघ्रगामी, तेज़, तुरंत, अस्थिर, अँगूठे और तर्जनी के बीच का स्थान जो वैद्यक में मर्मस्थल माना गया है। |
-व्याकरण | धातु, विशेषण- तेजी से, चलता हुआ, पुल्लिंग- मुहूर्त का पन्द्रहवाँ भाग, क्रिया विशेषण- जल्दी, तत्काल। |
-उदाहरण | क्षिप्र बुद्धि, शीघ्र समझने वाला, चंचल। |
-विशेष | |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | |
संस्कृत | क्षिप् (प्रेरणा)+रक (मध्यमावस्था- क्षपीयम्, उत्तमावस्था- क्षेपिष्ठ) सजीव, आशुगामी। |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | क्षिप्रकारी, क्षिप्रहस्त, क्षिप्रोच्चारिता। |
संबंधित लेख |
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