"कुमारपाल चरित": अवतरणों में अंतर
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08:47, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- लगभग 1089-1173 ई. के बीच इस ग्रंथ की रचना हेमचन्द्र ने की थी।
- 20 सर्गो में विभाजित इस ग्रंथ से गुजरात के चालुक्यवंशीय शासकों के विस्तृत इतिहास की जानकारी मिलती है।
- बीस सर्गो में प्रथम बारह सर्ग संस्कृत भाषा में एवं अन्तिम आठ सर्ग प्राकृत भाषा में लिखे गये हैं।
- इस ग्रंथ को द्वयाश्रय भी कहा जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ