"पारसनाथ पहाड़ी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (Adding category Category:पहाड़ी और पठार (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
पंक्ति 25: | पंक्ति 25: | ||
{{झारखण्ड के पर्यटन स्थल}} | {{झारखण्ड के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:झारखण्ड]] [[Category:झारखण्ड के पर्यटन स्थल]] [[Category:बोकारो के पर्यटन स्थल]] [[Category:पर्यटन कोश]] | [[Category:झारखण्ड]] [[Category:झारखण्ड के पर्यटन स्थल]] [[Category:बोकारो के पर्यटन स्थल]] [[Category:पर्यटन कोश]] | ||
[[Category:पहाड़ी और पठार]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
11:15, 14 जुलाई 2011 का अवतरण
- झारखंड के शहर बोकारो में कई पर्यटन स्थल है जिनमें से ये एक है।
- झारखड का यह सबसे ऊँचा पहाड़ है।
- गिरिडीह स्थित इस पहाड़ की ऊँचाई लगभग 4,440 फीट है।
- ये पूरा पहाड़ जंगल से घिरा हुआ है।
- यहाँ की प्राकृतिक छटा अद्भुत है।
- इस पहाड़ पर जैनियों का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है।
- दामोदर नदी और गरगा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित बोकारो प्राकृतिक रूप से बहुत ख़ूबसूरत है।
- प्रकृति ने इसे अपनी अनमोल देन नदियों और पहाड़ियों से सजाया है।
- पहाड़ के शिखर पर बीसों तीर्थंकारों के चरण चिन्ह अंकित हैं।
- इसे सम्मेद शिखर कहते हैं।
- तीर्थंकरों के चरण चिन्ह को 'टीक' कहा जाता है।
- कहा जाता है कि यहाँ जैनियों के 20वें से 24वें तीर्थंकरों ने निर्वाण प्राप्त किया।
- यहाँ जैनियों के श्वेताम्बर और दिगम्बर दोनों ही पन्थों के मन्दिर बने हुए हैं।
- यह स्थान मधुवन के नाम से विख्यात है।
|
|
|
|
|