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'''सतारा''', [[मुम्बई|बम्बई]] प्रेसीडेन्सी (वर्तमान [[महाराष्ट्र]]) का एक नगर, पहले यह राज्य (रियासत) भी था। सतारा शाहूजी के वंशजों की राजधानी रहा। यद्यपि [[मराठा]] राज्य की सत्ता [[पेशवा|पेशवाओं]] के हाथों में जाने के फलस्वरूप यह उनके अधीन था। 1818 ई. में पेशवा [[बाजीराव द्वितीय]] की पराजय के उपरान्त [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने इसे पुन: आश्रित राज्य बना दिया। | *'''सतारा''', [[मुम्बई|बम्बई]] प्रेसीडेन्सी (वर्तमान [[महाराष्ट्र]]) का एक नगर, पहले यह राज्य (रियासत) भी था। | ||
*सतारा शाहूजी के वंशजों की राजधानी रहा। | |||
*यद्यपि [[मराठा]] राज्य की सत्ता [[पेशवा|पेशवाओं]] के हाथों में जाने के फलस्वरूप यह उनके अधीन था। | |||
*1818 ई. में पेशवा [[बाजीराव द्वितीय]] की पराजय के उपरान्त [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने इसे पुन: आश्रित राज्य बना दिया। | |||
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06:59, 28 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- सतारा, बम्बई प्रेसीडेन्सी (वर्तमान महाराष्ट्र) का एक नगर, पहले यह राज्य (रियासत) भी था।
- सतारा शाहूजी के वंशजों की राजधानी रहा।
- यद्यपि मराठा राज्य की सत्ता पेशवाओं के हाथों में जाने के फलस्वरूप यह उनके अधीन था।
- 1818 ई. में पेशवा बाजीराव द्वितीय की पराजय के उपरान्त अंग्रेज़ों ने इसे पुन: आश्रित राज्य बना दिया।
81848 ई. में गोद प्रथा की समाप्ति का सिद्धान्त लागू किये जाने के फलस्वरूप इसे अंग्रेज़ों के भारतीय साम्राज्य में मिला लिया गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
(पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-460