"खेह": अवतरणों में अंतर
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05:02, 12 फ़रवरी 2011 का अवतरण
हिन्दी | राख, धूल, मिट्टी, भस्म। |
-व्याकरण | स्त्रीलिंग |
-उदाहरण | तन ह्वै है जरि खेह।[1] |
-विशेष | स्त्रियों द्वारा गाली के रूप में बैरिन के मुख खेह लगे[2] का प्रयोग होता है। |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | धूलि, क्षिति क्षोद, क्षोद, ख़ाक, गर्द, ग़ुबार, छार, धूलिका, पराग, पांशू, रेणु, रेनु, वातकेतु। |
संस्कृत | |
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