"कनॉट प्लेस": अवतरणों में अंतर
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*जॉर्ज पंचम के भाई ड्यूक ऑफ़ कनॉट के आगमन पर 1931 में बने इस बाज़ार में हर प्रकार की ख़रीददारी की जा सकती है। | *जॉर्ज पंचम के भाई ड्यूक ऑफ़ कनॉट के आगमन पर 1931 में बने इस बाज़ार में हर प्रकार की ख़रीददारी की जा सकती है। | ||
*कनॉट प्लेस के मध्य में रंग-बिरंगी रोशनी से | *कनॉट प्लेस के मध्य में रंग-बिरंगी रोशनी से सज़ा गुलमोहर के पेड़ों से घिरा केन्द्रीय बगीचा भी आया हुआ है। | ||
*कॉलोनियों की तरह यहाँ सभी भवन बने हुए हैं। | *कॉलोनियों की तरह यहाँ सभी भवन बने हुए हैं। | ||
*प्रत्येक भवन के आगे सुन्दर बरामदा है, जो मध्य में स्थित पार्क के सामने है। यहाँ से समान दूरी पर आठ सड़कों का घेरा है। | *प्रत्येक भवन के आगे सुन्दर बरामदा है, जो मध्य में स्थित पार्क के सामने है। यहाँ से समान दूरी पर आठ सड़कों का घेरा है। |
07:19, 3 मार्च 2011 का अवतरण
- दिल्ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है।
- कनॉट प्लेस दिल्ली का प्रमुख व्यवसायिक केंद्र है।
- इसका नाम ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्य ड्यूक ऑफ़ कनॉट के नाम पर रखा गया था।
- इस बाज़ार का डिजाइन डब्ल्यू एच निकोल और टॉर रसेल ने बनाया था।
- यह बाज़ार अपने समय का भारत की सबसे बड़ी बाज़ार था।
- यह बाज़ार अपनी स्थापना के 65 साल बाद भी दिल्ली में ख़रीदारी का प्रमुख केंद्र है।
- यहाँ किताबों की दुकानें भी हैं जहाँ आपको भारत के बारे में जानकारी देने वाली बहुत अच्छी किताबें मिल जाएँगी।
- यहाँ सभी बड़ी-बड़ी कम्पनियों के शोरूम स्थित हैं।
- जॉर्ज पंचम के भाई ड्यूक ऑफ़ कनॉट के आगमन पर 1931 में बने इस बाज़ार में हर प्रकार की ख़रीददारी की जा सकती है।
- कनॉट प्लेस के मध्य में रंग-बिरंगी रोशनी से सज़ा गुलमोहर के पेड़ों से घिरा केन्द्रीय बगीचा भी आया हुआ है।
- कॉलोनियों की तरह यहाँ सभी भवन बने हुए हैं।
- प्रत्येक भवन के आगे सुन्दर बरामदा है, जो मध्य में स्थित पार्क के सामने है। यहाँ से समान दूरी पर आठ सड़कों का घेरा है।
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