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| class="headbg34" style="border:1px solid #a5d3f2; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div class="bg46" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''एक पर्यटन स्थल'''</span></div>  
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<center>'''[[गोवा]]'''</center>
<center>'''[[खजुराहो]]'''</center>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Dona-Paula-Beach-Goa.jpg|right|150px|डोना पॉला तट, गोवा|link=गोवा]] </div>
[[चित्र:Khajuraho-Temples.jpg|right|120px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो]]
*भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी किनारे पर स्थित [[गोवा]] एक छोटा-सा किन्तु बहुत सुन्दर राज्य है। यह उत्तर में [[महाराष्ट्र]] और दक्षिणी छोर से [[कर्नाटक]] द्वारा घिरा हुआ है।  
*[[भारत]] में, [[ताजमहल]] के बाद, सबसे ज़्यादा देखे और घूमे जाने वाले [[पर्यटन]] स्थलों में खजुराहो का नाम आता है।
*स्वर्णिम इतिहास तथा विविधताओं का प्रतीक गोवा, पहले '''गोमानचला, गोपाकापट्टम, गोपाकापुरी, गोवापुरी, गोवाराष्ट्र''' इत्यादि महत्त्वपूर्ण नामों से मशहूर था।
*खजुराहो के मंदिर '''भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना''' हैं। खजुराहो का प्राचीन नाम '''खर्जुरवाहक''' है।
*गोवा के सुनहरे लम्बे समुद्र तट, आकर्षक चर्च, मन्दिर, पुराने क़िले और कलात्मक भग्नावशेषों ने [[पर्यटन]] को गोवा का प्रमुख उद्योग बना दिया है।
*खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि '''कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई''' मालूम होती हैं।
*आज देश-विदेश में औसतन दस लाख पर्यटक गोवा के प्राकृतिक सौंदर्य एवं विशिष्ट सभ्यता से आकर्षित होकर यहाँ आते हैं। '''[[गोवा|.... और पढ़ें]]'''
*यहाँ की श्रृंगारिक मुद्राओं में अंकित मिथुन-मूर्तियों की [[कला]] पर सम्भवतः तांत्रिक प्रभाव है, किन्तु कला का जो निरावृत और अछूता सौदर्न्य इनके अंकन में निहित है, उसकी उपमा नहीं मिलती।
*खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्‍चिम मध्य प्रदेश में स्‍थित है। '''[[खजुराहो|.... और पढ़ें]]'''
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06:42, 7 फ़रवरी 2011 का अवतरण

एक पर्यटन स्थल

खजुराहो
खजुराहो मंदिर
खजुराहो मंदिर
  • भारत में, ताजमहल के बाद, सबसे ज़्यादा देखे और घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में खजुराहो का नाम आता है।
  • खजुराहो के मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं। खजुराहो का प्राचीन नाम खर्जुरवाहक है।
  • खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई मालूम होती हैं।
  • यहाँ की श्रृंगारिक मुद्राओं में अंकित मिथुन-मूर्तियों की कला पर सम्भवतः तांत्रिक प्रभाव है, किन्तु कला का जो निरावृत और अछूता सौदर्न्य इनके अंकन में निहित है, उसकी उपमा नहीं मिलती।
  • खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्‍चिम मध्य प्रदेश में स्‍थित है। .... और पढ़ें