"दशावतार": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('दूसरे शब्दों में देवताओं के प्रकट होने की तिथियों क...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
#[[बुद्ध|बुद्ध अवतार]] [[ज्येष्ठ]] में शुक्ल पक्ष की द्वितीया में हुआ था।
#[[बुद्ध|बुद्ध अवतार]] [[ज्येष्ठ]] में शुक्ल पक्ष की द्वितीया में हुआ था।
   
   
*कुछ ग्रन्थों में ऐसा आया है कि [[कल्कि अवतार]] अभी प्रकट होने वाला है, किन्तु ग्रन्थ इसकी जयन्ती के लिए श्रावण में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि मानते हैं। [[वराहपुराण]], कृत्यकल्पतरु जहाँ दशावतारों की पूजा का उल्लेख है। <ref>वराहपुराण (48|20-22), कृत्यकल्पतरु(व्रतखण्ड 333, हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1049)।</ref>  
*कुछ ग्रन्थों में ऐसा आया है कि [[कल्कि अवतार]] अभी प्रकट होने वाला है, किन्तु ग्रन्थ इसकी जयन्ती के लिए [[श्रावण]] में [[शुक्ल पक्ष]] की [[षष्ठी]] तिथि मानते हैं। [[वराहपुराण]], कृत्यकल्पतरु जहाँ दशावतारों की पूजा का उल्लेख है। <ref>वराहपुराण (48|20-22), कृत्यकल्पतरु(व्रतखण्ड 333, हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1049)।</ref>  


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}

13:06, 31 जनवरी 2011 का अवतरण

दूसरे शब्दों में देवताओं के प्रकट होने की तिथियों को अवतार कहते हैं। इन्हें जयन्ती भी कहते हैं।[1] 'परमात्मा या विष्णु के मुख्य अवतार दस हैं।

  1. मत्स्य अवतार चैत्र में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।
  2. कूर्म अवतार वैशाख की पूर्णिमा में हुआ था।
  3. वराह अवतार भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।
  4. नरसिंह अवतार वैशाख में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी में हुआ था।
  5. वामन अवतार भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की द्वादशी में हुआ था।
  6. परशुराम अवतार वैशाख में शुक्ल पक्ष की तृतीया में हुआ था।
  7. राम अवतार चैत्र में शुक्ल पक्ष की नवमी में हुआ था।
  8. बलराम अवतार भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की द्वितीया में हुआ था।
  9. कृष्ण अवतार श्रावण में कृष्ण पक्ष की अष्टमी में हुआ था।
  10. बुद्ध अवतार ज्येष्ठ में शुक्ल पक्ष की द्वितीया में हुआ था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

(पुस्तक ‘हिन्दू धर्मकोश’) पृष्ठ संख्या-54

  1. निर्ण्यसिन्धु (81-82), कृत्यसारसमुच्चय
  2. वराहपुराण (48|20-22), कृत्यकल्पतरु(व्रतखण्ड 333, हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1049)।