"वैजयंती": अवतरणों में अंतर
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*वैजयंती [[कर्नाटक]] राज्य के उत्तरी कनारा में स्थित नगर है। | *वैजयंती [[कर्नाटक]] राज्य के उत्तरी कनारा में स्थित नगर है। जिसका उल्लेख द्वितीय शती ई. के [[नासिक]] के अभिलेख में है। | ||
*यह एक [[रामायण]] कालीन नगर था। | *यह एक [[रामायण]] कालीन नगर था। | ||
*रामायण में इसका उल्लेख है कि वैजयंत में जो दण्डकारण्य (दण्डकवन) का मुख्य नगर था, शंबर का राज्य था। | *रामायण में इसका उल्लेख है कि वैजयंत में जो दण्डकारण्य (दण्डकवन) का मुख्य नगर था, शंबर का राज्य था। | ||
*[[इन्द्र]] ने उससे युद्ध करने के लिए राजा [[दशरथ]] से सहायता माँगी थी। | *[[इन्द्र]] ने उससे युद्ध करने के लिए राजा [[दशरथ]] से सहायता माँगी थी। | ||
*दशरथ उस युद्ध में घायल हो गये थे और | *दशरथ उस युद्ध में घायल हो गये थे और कैकेयी जो उनके साथ थी, उन्हें संग्राम स्थल से उनकी रक्षा करने के लिए हटा ले गई थी। | ||
*प्राण-रक्षा के उपलक्ष्य में दशरथ ने | *प्राण-रक्षा के उपलक्ष्य में दशरथ ने [[कैकेयी]] को दो वरदान देने का वचन दिया था, जो उसके बाद में माँग लिये थे। | ||
*सातवाहन काल में भी यह एक प्रमुख एवं समृद्ध नगर था। | *[[सातवाहन काल]] में भी यह एक प्रमुख एवं समृद्ध नगर था। | ||
*कालान्तर में वैजयंती पर चुटुशातकर्णियों तथा कदम्बों का शासन रहा। | *कालान्तर में वैजयंती पर चुटुशातकर्णियों तथा कदम्बों का शासन रहा। | ||
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09:38, 27 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- वैजयंती कर्नाटक राज्य के उत्तरी कनारा में स्थित नगर है। जिसका उल्लेख द्वितीय शती ई. के नासिक के अभिलेख में है।
- यह एक रामायण कालीन नगर था।
- रामायण में इसका उल्लेख है कि वैजयंत में जो दण्डकारण्य (दण्डकवन) का मुख्य नगर था, शंबर का राज्य था।
- इन्द्र ने उससे युद्ध करने के लिए राजा दशरथ से सहायता माँगी थी।
- दशरथ उस युद्ध में घायल हो गये थे और कैकेयी जो उनके साथ थी, उन्हें संग्राम स्थल से उनकी रक्षा करने के लिए हटा ले गई थी।
- प्राण-रक्षा के उपलक्ष्य में दशरथ ने कैकेयी को दो वरदान देने का वचन दिया था, जो उसके बाद में माँग लिये थे।
- सातवाहन काल में भी यह एक प्रमुख एवं समृद्ध नगर था।
- कालान्तर में वैजयंती पर चुटुशातकर्णियों तथा कदम्बों का शासन रहा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ