"लोहा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छोNo edit summary
छो (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 33: पंक्ति 33:
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:रसायन विज्ञान]]
[[Category:विज्ञान_कोश]]
[[Category:विज्ञान_कोश]]
[[Category:नया पन्ना]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

09:40, 27 फ़रवरी 2011 का अवतरण

  • (अंग्रेज़ी:Iron) लोहा मुक्त अवस्था में बहुत कम पाया जाता है।
  • हेमेटाइट, मैन्नेटाइट, आयरन, पायराइटीन आदि इसके प्रमुख अयस्क हैं।
  • हेमेटाइट के रूप में यह भारत में सिंहभूमि, मयूरगंज, मैसूर आदि स्थानों में पाया जाता है।
  • भारत में टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी, मैसूर आयरन वर्कस, इण्डियन आयरन एण्ड स्टील कम्पनी कुलटी आदि लोहे के प्रमुख क़ारखाने हैं।

प्रकार

लोहे में उपस्थित कार्बन के आधार पर यह, ढ़लवां, पिटवां व स्टील तीन प्रकार का होता है। इसका रंग धूसर होता है व क्वथनांक 2800° C होता है। ढलवां, पिटवां व स्टील में पायी जाने वाली कार्बन व अन्य तत्वों की मात्रा तथा इनके गुण व उपयोग निम्न सारणी प्रदर्शित हैं।

इस्पात

यह लोहे का एक प्रकार है, जिसमें 0.5 से 1.5% तक लोहा पाया जाता है। यह मृदु क्रिस्टलीय तथा चमकदार होता है, जिसे आसानी से पीटकर मोड़ा जा सकता है। यह मुख्यतः पिटवां लोहे तथा ढलवां लोहे से बनाया जाता है। कार्बन की मात्रा के आधार पर यह तीन प्रकार का होता है:-

मृदु इस्पात

इसमें कार्बन की मात्रा 0.15% होती है। इसका उपयोग रेल उद्योग तथा संरचनात्मक कार्यों में होता है।

मध्यम इस्पात

इसमें कार्बन की मात्रा 0.15 से 0.6% तक होती है। इसका उपयोग रेल उद्योग तथा संरचनात्मक कार्यों में होता है।

अधिक कार्बनयुक्त इस्पात

इसमें कार्बन की मात्रा 0.6% से 1.5% तक होती है। इसका उपयोग रेजर तथा शल्य क्रिया में काम आने वाले यंत्र बनाने में होता है।

मिश्रधातु

इसके अलावा बहुत उच्च कोटि के इस्पात निकिल, मैंगनीज, टंगस्टन, क्रोमियम इत्यादि धातुओं के मिश्रधातु के रूप में प्राप्त किये जाते हैं, जिनका उपयोग वायुयान, बाल बेयरिंग, अम्ल के पात्र, घड़ी इत्यादि को बनाने में होता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख