"कदम्ब": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "नींबू" to "नीबू") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (Adding category Category:वृक्ष (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
पंक्ति 21: | पंक्ति 21: | ||
[[Category:वनस्पति_कोश]] | [[Category:वनस्पति_कोश]] | ||
[[Category:वृक्ष]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
05:32, 27 फ़रवरी 2011 का अवतरण
![](/w/images/thumb/2/24/Kadamb-flower.jpg/200px-Kadamb-flower.jpg)
Kadamb Flower
कदम्ब का पेड़ बड़ा होता है। यह काफ़ी मशहूर भी है। कदम्ब के पेड़ ग्रामीण क्षेत्रों में ज़्यादा होते हैं। इसके पत्ते बड़े और मोटे होते हैं जिनसे गोंद भी निकलता है। कदम्ब के पेड़ के पत्ते महुए के पत्तों जैसे और फल नीबू की तरह गोल होते है और फूल फलों के ऊपर ही होते हैं। फूल छोटे और खुशबुदार होते हैं। कदम्ब की कई सारी जातियाँ हैं जैसे-
- राजकदम्ब,
- धूलिकदम्ब और
- कदम्बिका।
कदम्ब की महिमा
![](/w/images/thumb/f/f0/Kadamb-tree.jpg/200px-Kadamb-tree.jpg)
Kadamb Tree
ब्रज मैं कदम्ब के पेड़ की बहुत महिमा है। कृष्ण की लीलाओ से जुडा होने के कारण कदम्ब का उल्लेख ब्रजभाषा के अनेक कवियों ने किया है। इसका इत्र भी बनता है जो बरसात के मौसम मैं अधिक उपयोग में आता है। मथुरा में अब यह वृक्ष बहुत ही कम पाया जाता है।
मानुष हौं तो वही रसखानि बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन ।
जौ पसु हौं तौ कहा बस मेरो चरौं नित नन्द की धेनु मंझारन ॥
पाहन हौं तौ वही गिरि को जो धरयौ कर छत्र पुरन्दर-धारन ।
जौ खग हौं तौ बसेरो करौं मिलि कालिंदी-कूल कदंब की डारन ॥