"लोहचुम्बकीय पदार्थ": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "ज्यादा" to "ज़्यादा") |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
[[Category:भौतिक विज्ञान]] | [[Category:भौतिक विज्ञान]] | ||
[[Category:विज्ञान कोश]] | [[Category:विज्ञान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
09:41, 27 फ़रवरी 2011 का अवतरण
(अंग्रेज़ी:Ferromagnetic) निकिल, कोबाल्ट, लोहा तथा स्टील और कई प्रकार के मिश्रित धातुओं के पदार्थ जो चुम्बक के प्रति बहुत ज़्यादा आकर्षित होते हैं। इन पदार्थो को लोहचुम्बकीय पदार्थ कहा जाता है। इन लौहचुम्बकीय पदार्थो को चुम्बक बनाने में अधिक काम में लाया जाता है क्योंकि इन पदार्थो में शक्ति की चुम्बकीय रेखायें आसानी से आर पार नहीं होती हैं। इन पदार्थो के लिये एक निर्धारित तापमान होता है इस तापमान को क्यूरी तापमान कहते हैं। यदि इससे ऊपर तापमान इन पदार्थो में दिया जाये तो ये पदार्थ अपना चुम्बकीय आकर्षण शक्ति खो देते हैं और पराचुम्बकीय चुम्बक बन जाते हैं।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ चुम्बकीय आकर्षण शक्ति की रेखायें (हिन्दी) जनकल्याण। अभिगमन तिथि: 18 फ़रवरी, 2011।