"गुरुमुखी लिपि": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('*गुरुमुखी लिपि वह लिपि है, जिसमें सिक्खों का ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
छो (Adding category Category:हिन्दू धर्म कोश (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
पंक्ति 17: | पंक्ति 17: | ||
<references/> | <references/> | ||
[[Category:नया पन्ना]] | [[Category:नया पन्ना]] | ||
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
09:15, 22 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- गुरुमुखी लिपि वह लिपि है, जिसमें सिक्खों का धर्मग्रन्थ 'ग्रन्थ साहब' लिखा हुआ है।
- गुरु नानक के उत्तराधिकारी गुरु अंगद ने नानक के पदों के लिए गुरुमुखी लिपि को स्वीकार किया, जो ब्राह्मी से निकली थी और पंजाब में उनके समय में प्रचलित थी।
- गुरुवाणी इसमें लिखी गई, इसलिए इसका नाम 'गुरुमुखी' पड़ गया।
- वास्तव में 'गुरुमुखी' लिपि का नाम है, परन्तु भूल से लोग इसे भाषा भी समझ लेते हैं।
- इस लिपि की वही वर्णमाला है, जो संस्कृत और भारत की अन्य प्रादेशिक भाषाओं की है।
- इस समय पंजाबी भाषा को केवल सिक्ख लोग इस लिपि में लिखते हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ