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*माना जाता है कि [[महाभारत]] के [[अर्जुन]] के प्रपौत्र [[जन्मेजय]] ने इस नगर को बसाया था। | *यह माना जाता है कि [[महाभारत]] के [[अर्जुन]] के प्रपौत्र [[जन्मेजय]] ने इस नगर को बसाया था। | ||
*[[जैन]] अभिलेखों में इसका उच्छ नगर के नाम से उल्लेख किया गया है। | *[[जैन]] अभिलेखों में इसका उच्छ नगर के नाम से उल्लेख किया गया है। | ||
*सन 1018 ई. में [[महमूद ग़ज़नवी]] | *सन 1018 ई. में [[महमूद ग़ज़नवी]] ने यहाँ के राजा को परास्त कर दिया। | ||
*[[फ़िरोज़ शाह तुग़लक|फ़िरोज़ तुग़लक]] का दरबारी | *[[फ़िरोज़ शाह तुग़लक|फ़िरोज़ तुग़लक]] का दरबारी इतिहासकार, फुतुहाते फ़िरोज़शाही का प्रख्यात लेखक जियाउद्दीन बरनी भी इसी बरन शहर का निवासी था। | ||
*मुस्लिम शासन के दौरान | *मुस्लिम शासन के दौरान बुलन्दशहर या बरन एक महत्त्वपूर्ण नगर बन गया था। | ||
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10:14, 22 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- उत्तर प्रदेश के आधुनिक बुलन्दशहर को प्राचीन नगर बरन के साथ समीकृत किया जाता है।
- यह माना जाता है कि महाभारत के अर्जुन के प्रपौत्र जन्मेजय ने इस नगर को बसाया था।
- जैन अभिलेखों में इसका उच्छ नगर के नाम से उल्लेख किया गया है।
- सन 1018 ई. में महमूद ग़ज़नवी ने यहाँ के राजा को परास्त कर दिया।
- फ़िरोज़ तुग़लक का दरबारी इतिहासकार, फुतुहाते फ़िरोज़शाही का प्रख्यात लेखक जियाउद्दीन बरनी भी इसी बरन शहर का निवासी था।
- मुस्लिम शासन के दौरान बुलन्दशहर या बरन एक महत्त्वपूर्ण नगर बन गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ