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| *उत्तरमेरुर [[तमिलनाडु]] में स्थित एक ग्राम हैं।
| | #REDIRECT [[उत्तिरमेरूर]] |
| *जहाँ से [[पल्लव वंश|पल्लव]] एवं [[चोल साम्राज्य|चोल]] काल के लगभग दो सौ अभिलेख मिले हैं।
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| *इन अभिलेखों से परिज्ञात होता है कि पल्लव एवं चोल शासन के अन्तर्गत ग्राम अधिकतम स्वायत्तता का उपभोग करते थे।
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| *10वीं शताब्दी का एक लेख आज भी एक मन्दिर की दिवार पर ख़ुदा है, जो यह बताता है कि चोल शासन के अन्तर्गत स्थानीय 'सभा' किस प्रकार कार्य करती थी।
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| *सभा का चुनाव उपयुक्त व्यक्तियों में से लाटरी निकालकर होता था।
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| *ग्राम स्तर पर स्वायत्तता इतनी थी कि प्रशासन के उच्च स्तरों और राजनीतिक ढाँचे में होने वाले परिवर्तनों से गाँव का दैनन्दिन जीवन अप्रभावित रहता था।
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| *यह इसलिए सम्भव हो सका था, क्योंकि गाँव पर्याप्त रूप से आत्मनिर्भर थे।
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| *आधुनिक पंचायतों की चोल कालीन स्थानीय प्रशासन से तुलना करना सार्थक एवं रुचिकर होगा।
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| ==संबंधित लेख==
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| {{तमिलनाडु के पर्यटन स्थल}}
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| [[Category:तमिलनाडु]]
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| [[Category:इतिहास कोश]]
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| [[Category:चोल साम्राज्य]]
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| __INDEX__
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