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10:52, 14 मार्च 2011 का अवतरण
- आलवार, वैष्णव सम्प्रदाय के सन्त थे, जिन्होंने ईसा की सातवीं आठवी शताब्दी में दक्षिण भारत में भक्तिमार्ग का प्रचार किया।
- इन सन्तों में नाथमुनि, यामुनाचार्य और रामानुजाचार्य प्रमुख थे।
- रामानुज ने विशिष्टद्वैत सिद्धान्त का प्रतिपादन किया, जो शंकराचार्य के अद्वैतवाद का संशोधित रूप था।
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