"यच": अवतरणों में अंतर
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10:28, 21 मार्च 2011 का अवतरण
- यच एक कल्पित भूतयोनि है। सम्भवत: 'यक्ष' का ही यह एक प्राकृत रूप है। दरद प्राचीन आर्य जाति है, जो गिलगित के इर्द-गिर्द एवं हिन्दुकुश के मध्य में निवास करती है। यह दानवों में विश्वास करती है तथा उन्हें 'यच' कहती है।
- यच बड़े आकार के होते हैं, प्रत्येक के एक ही आँख ललाट के मध्य होती है।
- जब ये मानव वेश धारण करते हैं तो उन्हें उनके उल्टे पैरों से पहचाना जा सकता है।
- ये केवल रात को ही चलते हैं तथा पहाड़ों पर राज्य करते हुए मनुष्यों की खेती को हानि पहुँचाते हैं।
- ये प्राय: मनुष्यों को अपनी दरारों में खींच ले जाते हैं। किन्तु लोगों के इस्लाम धर्म ग्रहण करने से उन्होंने उन पर से अपना स्वामित्व भाव त्याग दिया है तथा अब कभी-कभी ही मनुष्यों को परेशान करते हैं।
- ये सभी क्रूर नहीं होते, विवाह के अवसर पर ये मनुष्यों से धन उधार लेते हैं तथा उसे धीरे-धीरे ऋण देने वाले की अज्ञात अवस्था में ही पूरा चुका देते हैं। ऐसे अवसर पर वे मनुष्यों पर दयाभाव रखते हैं।
- इनकी परछाई यदि मनुष्य पर पड़े तो वह पागल हो जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ