"दूध का कर्ज मंदिर वाराणसी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
छो (Text replace - "कर्ज " to "कर्ज़ ")
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
*पर्यटकों को वाराणसी में यह मंदिर जरूर देखना चाहिए।  
*पर्यटकों को वाराणसी में यह मंदिर जरूर देखना चाहिए।  
*लोक कथाओं के अनुसार एक अमीर घमण्‍डी पुत्र ने इस मंदिर को बनवाया और इसे अपनी मां को समर्पित कर दिया।  
*लोक कथाओं के अनुसार एक अमीर घमण्‍डी पुत्र ने इस मंदिर को बनवाया और इसे अपनी मां को समर्पित कर दिया।  
*उसने अपनी मां से कहा मैंने तेरे लिए मंदिर बनवाकर तेरा कर्ज चुका दिया। तब उसकी मां ने कहा कि दूध का कर्ज कभी चुकाया नहीं जा सकता।  
*उसने अपनी मां से कहा मैंने तेरे लिए मंदिर बनवाकर तेरा कर्ज़ चुका दिया। तब उसकी मां ने कहा कि दूध का कर्ज़ कभी चुकाया नहीं जा सकता।  
*उसी दिन से इस मंदिर का नाम दूध का कर्ज मंदिर पड़ गया।
*उसी दिन से इस मंदिर का नाम दूध का कर्ज़ मंदिर पड़ गया।


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}

11:29, 11 जुलाई 2011 का अवतरण

वाराणसी वाराणसी पर्यटन वाराणसी ज़िला
  • वाराणसी में 'दूध का कर्ज' मंदिर प्रसिद्ध मंदिर है।
  • पर्यटकों को वाराणसी में यह मंदिर जरूर देखना चाहिए।
  • लोक कथाओं के अनुसार एक अमीर घमण्‍डी पुत्र ने इस मंदिर को बनवाया और इसे अपनी मां को समर्पित कर दिया।
  • उसने अपनी मां से कहा मैंने तेरे लिए मंदिर बनवाकर तेरा कर्ज़ चुका दिया। तब उसकी मां ने कहा कि दूध का कर्ज़ कभी चुकाया नहीं जा सकता।
  • उसी दिन से इस मंदिर का नाम दूध का कर्ज़ मंदिर पड़ गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख