"दशाश्वमेध तीर्थ मथुरा": अवतरणों में अंतर
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[[यमुना]] के इस पवित्र घाट पर [[ब्रह्मा]]जी ने [[अश्वमेध यज्ञ|दश अश्वमेध यज्ञ]] किये थे। यह स्थान देवर्षि [[नारद]], चतु:सन आदि ऋषियों के द्वारा सदा–सर्वदा पूजित है । यहाँ स्नान करने से मनुष्य को भगवद् धाम की प्राप्ति होती है । | [[यमुना नदी|यमुना]] के इस पवित्र घाट पर [[ब्रह्मा]]जी ने [[अश्वमेध यज्ञ|दश अश्वमेध यज्ञ]] किये थे। यह स्थान देवर्षि [[नारद]], चतु:सन आदि ऋषियों के द्वारा सदा–सर्वदा पूजित है । यहाँ स्नान करने से मनुष्य को भगवद् धाम की प्राप्ति होती है । | ||
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13:19, 15 अप्रैल 2010 का अवतरण
दशाश्वमेध तीर्थ / Dashashavmedh Tirth
दशास्वमेधमृषिभि: पूजितं सर्वदा पुरा ।
तत्र ये स्नान्ति मनुजास्तेषां स्वर्गो न दुर्ल्लभ: ।।
यमुना के इस पवित्र घाट पर ब्रह्माजी ने दश अश्वमेध यज्ञ किये थे। यह स्थान देवर्षि नारद, चतु:सन आदि ऋषियों के द्वारा सदा–सर्वदा पूजित है । यहाँ स्नान करने से मनुष्य को भगवद् धाम की प्राप्ति होती है ।