"जैनुल अबादीन": अवतरणों में अंतर

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*अपने शासन के दौरान इसने [[हिन्दू|हिन्दुओं]] को पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की।
*अपने शासन के दौरान इसने [[हिन्दू|हिन्दुओं]] को पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की।
*जैनुल अबादीन ने हिन्दुओं के टूटे हुए मंदिरों का पुनर्निर्माण, [[गाय|गायों]] की सुरक्षा, [[सती प्रथा|सती]] होने पर लगे प्रतिबन्ध को हटाया।
*जैनुल अबादीन ने हिन्दुओं के टूटे हुए मंदिरों का पुनर्निर्माण, [[गाय|गायों]] की सुरक्षा, [[सती प्रथा|सती]] होने पर लगे प्रतिबन्ध को हटाया।
*उसने 'शवदाह कर' एवं [[जज़िया कर]] हटाने के आदेश दिए।
*उसने 'शवदाह कर' एवं [[जज़िया|जज़िया कर]] हटाने के आदेश दिए।
*उसने [[मुसलमान]] बने हिन्दुओं को पुनः [[हिन्दू]] बनने एवं [[कश्मीर]] छोड़कर बाहर गये हिन्दुओं को पुनः कश्मीर में बसने का अधिकार दिया।
*उसने [[मुसलमान]] बने हिन्दुओं को पुनः [[हिन्दू]] बनने एवं [[कश्मीर]] छोड़कर बाहर गये हिन्दुओं को पुनः कश्मीर में बसने का अधिकार दिया।
*आबदीन [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[संस्कृत]], तिब्बती आदि भाषाओं का ज्ञाता था।
*आबदीन [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[संस्कृत]], तिब्बती आदि भाषाओं का ज्ञाता था।

08:07, 20 अप्रैल 2011 का अवतरण

  • जैनुल अबादीन अलीशाह का भाई व कश्मीर का सुल्तान था।
  • सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता का भाव रखने व अपने अच्छे कार्यों के कारण ही उसे 'कश्मीर का अकबर' कहा जाता है।
  • अपने शासन के दौरान इसने हिन्दुओं को पूर्ण धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की।
  • जैनुल अबादीन ने हिन्दुओं के टूटे हुए मंदिरों का पुनर्निर्माण, गायों की सुरक्षा, सती होने पर लगे प्रतिबन्ध को हटाया।
  • उसने 'शवदाह कर' एवं जज़िया कर हटाने के आदेश दिए।
  • उसने मुसलमान बने हिन्दुओं को पुनः हिन्दू बनने एवं कश्मीर छोड़कर बाहर गये हिन्दुओं को पुनः कश्मीर में बसने का अधिकार दिया।
  • आबदीन फ़ारसी, कश्मीरी, संस्कृत, तिब्बती आदि भाषाओं का ज्ञाता था।
  • उसने ‘महाभारत’ और ‘राजतरंगिणी’ कृतियों का फ़ारसी भाषा में अनुवाद करवाया था।
  • अनेक विद्वानों को उसके दरबार में संरक्षण प्राप्त था।
  • आबदीन ने वुलर झील में 'जैनालंका' नामक एक कृत्रिम द्वीप का निर्माण करवाया।
  • उसने समरकन्द में काग़ज़ बनाने का कार्य प्रारम्भ करवाया था।
  • अबादीन ने अपने काल में अनेक जनप्रिय कार्य किए थे। अपने इन्हीं कार्यों के कारण उसे 'कश्मीर का अकबर' कहा जाता है।
  • मूल्य नियंत्रण की पद्धति चलाने के कारण ही उसे 'कश्मीर का अलाउद्दीन ख़िलजी भी' कहा जाता है।
  • अबादीन की 1470 ई. में मृत्यु हो गई। वह कश्मीरी, फ़ारसी, अरबी, संस्कृत भाषाओं का विद्वान था।
  • वह 'कुतुब उपनाम' से फ़ारसी में कविताएँ लिखता था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ