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*वह एक कुशल एवं योग्य राजनीतिज्ञ था।
*वह एक कुशल एवं योग्य राजनीतिज्ञ था।
*उसने विजयनगर साम्राज्य के खोए हुए गौरव को फिर से लौटाने व स्थापित करने का प्रयास किया।
*उसने विजयनगर साम्राज्य के खोए हुए गौरव को फिर से लौटाने व स्थापित करने का प्रयास किया।
*विजयनगर का प्रतिद्वन्द्वी [[बहमनी वंश|बहमनी]] राज्य पाँच भागों में बँट चुका था|
*विजयनगर का प्रतिद्वन्द्वी [[बहमनी वंश|बहमनी]] राज्य पाँच भागों में बँट चुका था।
*इसी कारण से रामराय ने उन पाँचों सल्तन्तों के आंतरिक झगड़ों में हस्तक्षेप करने की नीति अपनाई।
*इसी कारण से रामराय ने उन पाँचों सल्तनतों के आंतरिक झगड़ों में हस्तक्षेप करने की नीति अपनाई।
*1558 ई. में उसने [[बीजापुर]] और [[गोलकुण्डा]] के सुल्तानों की सहायता से [[अहमदनगर]] पर आक्रमण कर दिया और उसे ध्वस्त कर दिया।
*1558 ई. में उसने [[बीजापुर]] और [[गोलकुण्डा]] के सुल्तानों की सहायता से [[अहमदनगर]] पर आक्रमण कर दिया और उसे ध्वस्त कर दिया।
*उसके दुर्व्यवहार से क्रुद्ध होकर [[बरार]] के अतिरिक्त अन्य बहमनी सुल्तानों ने विजयनगर के विरुद्ध एक संघ की स्थापना की।
*उसके दुर्व्यवहार से क्रुद्ध होकर [[बरार]] के अतिरिक्त अन्य बहमनी सुल्तानों ने विजयनगर के विरुद्ध एक संघ की स्थापना की।
*इन सभी राज्यों ने मिलकर एक साथ विजयनगर पर आक्रमण किया।
*इन सभी राज्यों ने मिलकर एक साथ विजयनगर पर आक्रमण किया।
*[[तालीकोट का युद्ध|तालीकोट के युद्ध]] में बहमनी सुल्तानों ने रामराय को पराजित किया और उसे घेरकर मार डाला।
*[[तालीकोट का युद्ध|तालीकोट के युद्ध]] में बहमनी सुल्तानों ने रामराय को पराजित किया और उसे घेरकर मार डाला।
*बाद में विजयनगर साम्राज्य में तीन महीने तक लूट-मार की गई और उसे ध्वस्त कर दिया गया।
*विजयनगर साम्राज्य में बाद में तीन महीने तक लूट-मार की गई और उसे ध्वस्त कर दिया गया।


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06:18, 29 मार्च 2011 का अवतरण

  • विजयनगर साम्राज्य के शासक सदाशिव राय (1542-1570 ई.) के शासनकाल में रामराय ही वास्तविक रूप से राज्य कर रहा था।
  • वह एक कुशल एवं योग्य राजनीतिज्ञ था।
  • उसने विजयनगर साम्राज्य के खोए हुए गौरव को फिर से लौटाने व स्थापित करने का प्रयास किया।
  • विजयनगर का प्रतिद्वन्द्वी बहमनी राज्य पाँच भागों में बँट चुका था।
  • इसी कारण से रामराय ने उन पाँचों सल्तनतों के आंतरिक झगड़ों में हस्तक्षेप करने की नीति अपनाई।
  • 1558 ई. में उसने बीजापुर और गोलकुण्डा के सुल्तानों की सहायता से अहमदनगर पर आक्रमण कर दिया और उसे ध्वस्त कर दिया।
  • उसके दुर्व्यवहार से क्रुद्ध होकर बरार के अतिरिक्त अन्य बहमनी सुल्तानों ने विजयनगर के विरुद्ध एक संघ की स्थापना की।
  • इन सभी राज्यों ने मिलकर एक साथ विजयनगर पर आक्रमण किया।
  • तालीकोट के युद्ध में बहमनी सुल्तानों ने रामराय को पराजित किया और उसे घेरकर मार डाला।
  • विजयनगर साम्राज्य में बाद में तीन महीने तक लूट-मार की गई और उसे ध्वस्त कर दिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ