"पुनर्वसु नक्षत्र": अवतरणों में अंतर
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*वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बांस के पेड को पुनर्वसु नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है। | *वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बांस के पेड को पुनर्वसु नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है। | ||
*पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बांस के वृक्ष की पूजा करते है। | *पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बांस के वृक्ष की पूजा करते है। | ||
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में बांस के पेड को लगाते | *इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में बांस के पेड को लगाते है। | ||
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11:59, 28 मार्च 2011 का अवतरण
अर्थ - पुनः शुभ
देव - अदिति
- पुनर्वसु सातवाँ नक्षत्र है।
- मिथुन राशि में इसके चारों चरण आते हैं।
- इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है।
- पुनर्वसु में अदिति का व्रत और पूजन किया जाता है।
- पुनर्वसु नक्षत्र के देवता वृहस्पति को माना जाता है।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बांस के पेड को पुनर्वसु नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है।
- पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बांस के वृक्ष की पूजा करते है।
- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में बांस के पेड को लगाते है।
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