"ज्येष्ठा नक्षत्र": अवतरणों में अंतर
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*ज्येष्ठा में इन्द्र का व्रत और पूजन किया जाता है। | *ज्येष्ठा में इन्द्र का व्रत और पूजन किया जाता है। | ||
*ज्येष्ठा नक्षत्र के देवता बुध को माना जाता है| | *ज्येष्ठा नक्षत्र के [[देवता]] [[बुध देव|बुध]] को माना जाता है| | ||
*चीड के पेड को ज्येष्ठा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग चीड की पूजा करते है। | *चीड के पेड को ज्येष्ठा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग चीड की पूजा करते है। | ||
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में चीड के पेड को लगाते है | *इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में चीड के पेड को लगाते है |
08:23, 29 मार्च 2011 का अवतरण
अर्थ - सबसे बड़ा
देव - इन्द्र
- ज्येष्ठा नक्षत्र गंड मूल नक्षत्र कहलाता है।
- ज्येष्ठा में इन्द्र का व्रत और पूजन किया जाता है।
- ज्येष्ठा नक्षत्र के देवता बुध को माना जाता है|
- चीड के पेड को ज्येष्ठा नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग चीड की पूजा करते है।
- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के खाली हिस्से में चीड के पेड को लगाते है
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