"सोन नदी": अवतरणों में अंतर
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*सोन नदी का एक अन्य नाम हिरण्यवाह भी है। | *सोन नदी का एक अन्य नाम हिरण्यवाह भी है। | ||
*यह नदी [[झारखण्ड]] के उत्तरी-पश्चिमी छोर पर सीमा का निर्माण करती है। | *यह नदी [[झारखण्ड]] के उत्तरी-पश्चिमी छोर पर सीमा का निर्माण करती है। |
07:39, 19 अप्रैल 2011 का अवतरण
- सोन नदी का उदगम मैकाल पर्वत के अमरकण्टक नामक पठारी भाग से है। इसे सोनभद्र के नाम से पुकारा जाता है।
- सोन नदी का एक अन्य नाम हिरण्यवाह भी है।
- यह नदी झारखण्ड के उत्तरी-पश्चिमी छोर पर सीमा का निर्माण करती है।
- यह पलामू की उत्तरी सीमा बनाती हुई प्रवाहित होती है।
- सोन घाटी भौगर्भिक तौर पर दक्षिण-पश्चिम में नर्मदा नदी घाटी का लगभग अनवरत विस्तार है।
- यह गंगा की प्रमुख दक्षिणी सहायक नदी है। इसका उद्गम स्थल मध्य प्रदेश राज्य है।
- इसका ज़्यादातर हिस्सा वनाच्छादित है और जनसंख्या कम है।
- यह घाटी कैमूर पर्वतश्रेणी (उत्तर) और छोटा नागपुर (दक्षिण) से घिरी हुई है।
- मौसमी (बरसाती) नदी होने के कारण यह परिवहन की दृष्टि से महत्त्वहीन है।
- इसकी अनेक सहायक नदियाँ हैं, जिसमें दो मुख्य हैं।
- रिहन्द
- कुनहड
- यह मानपुर तक उत्तर की ओर बहने के बाद पूर्वोतर दिशा में मुड़ती है।
- यह नदी मिर्ज़ापुर ज़िले के दक्षिणी भाग से प्रवाहित होती है और पटना से पहले दीनापुर से 16 किलोमीटर ऊपर गंगा नदी से मिल जाती है।
- इसकी कुल लम्बाई 780 किलोमीटर है।
- सोन नदी की कुछ सहायक नदियों पर बांध बनाए गए है और उत्तर प्रदेश में 'डेहरी ऑन सोन नहर प्रणाली' के आरंभिक स्थल है।
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