"तुलजा भवानी": अवतरणों में अंतर
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11:02, 13 अप्रैल 2011 का अवतरण
- तुलजा भवानी को छत्रपति शिवाजी की कुलदेवी माना जाता है, जो महाराष्ट्र के उस्मानाबाद ज़िले में है। महाराष्ट्र के लोग इन्हें अपनी कुलदेवी के तौर पर भी पूजते हैं।
- माना जाता है कि शिवाजी को खुद देवी ने तलवार प्रदान किया था, जो इस समय लंदन के संग्रहालय में सुरक्षित है।
- कहा जाता है, शालिग्राम पत्थर से निर्मित यह मूर्ति स्वयंभू है। इस मूर्ति के आठ हाथ हैं। एक हाथ से उन्होंने दैत्य के बाल पकड़े हैं तथा दूसरे हाथ से वे दैत्य पर त्रिशूल से वार कर रही हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि माता महिषासुर राक्षस का वध कर रही हैं।
- माता की दाईं ओर उनका वाहन सिंह स्थापित है। इस प्रतिमा के समीप ऋषि मार्कंडेय की प्रतिमा स्थापित है, जो पुराण पढ़ने की मुद्रा में है। यह मंदिर में स्थाई तौर से स्थापित न होकर चलायमान है। साल में तीन बार इस प्रतिमा के साथ प्रभु महादेव, श्रीयंत्र तथा खंडरदेव की भी प्रदक्षिणा पथ पर परिक्रमा करवाई जाती है।
- यहाँ एक पत्थर है, जिसके बारे में यह माना जाता है कि श्रद्धालुओं के सभी सवालों का जबाव 'हाँ' या 'ना' में देता है। यदि आपके सवाल का जबाव 'हाँ' है तो दाहिनी ओर और 'ना' है तो बाईं ओर मुड़ जाता है।
- माना जाता है कि छत्रपति शिवाजी किसी भी युद्ध से पहले चिंतामणि नामक इस पत्थर के पास अपने सवालों के जवाब के लिए आते थे।
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