"चिरांद": अवतरणों में अंतर
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*[[बिहार]] के सारण ज़िले में चिरांद नामक ग्राम स्थित है। | *[[बिहार]] के सारण ज़िले में चिरांद नामक ग्राम स्थित है। | ||
*इसके निकट नवपाषाणिक अवशेष प्राप्त हुए हैं। | *इसके निकट नवपाषाणिक अवशेष प्राप्त हुए हैं। | ||
*बुर्ज़होम ([[कश्मीर]]) को छोड़कर अन्य किसी पुरातात्त्विक स्थल से इतनी अधिक मात्रा में नवपाषाणकालीन उपकरण नहीं मिले, जितने कि चिरांद ग्राम से प्राप्त हुए है। | *[[बुर्ज़होम]] ([[कश्मीर]]) को छोड़कर अन्य किसी पुरातात्त्विक स्थल से इतनी अधिक मात्रा में नवपाषाणकालीन उपकरण नहीं मिले, जितने कि चिरांद ग्राम से प्राप्त हुए है। | ||
*सन [[1962]]-[[1963]] में प्रो.बी.पी.सिन्हा द्वारा इस स्थल का उत्खनन करवाया गया। | *सन [[1962]]-[[1963]] में प्रो.बी.पी.सिन्हा द्वारा इस स्थल का उत्खनन करवाया गया। | ||
*उत्खनन से पाँच प्रकार की [[संस्कृति|संस्कृतियों]] के अवशेष मिले हैं। | *उत्खनन से पाँच प्रकार की [[संस्कृति|संस्कृतियों]] के अवशेष मिले हैं। |
12:48, 3 जुलाई 2011 का अवतरण
- बिहार के सारण ज़िले में चिरांद नामक ग्राम स्थित है।
- इसके निकट नवपाषाणिक अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- बुर्ज़होम (कश्मीर) को छोड़कर अन्य किसी पुरातात्त्विक स्थल से इतनी अधिक मात्रा में नवपाषाणकालीन उपकरण नहीं मिले, जितने कि चिरांद ग्राम से प्राप्त हुए है।
- सन 1962-1963 में प्रो.बी.पी.सिन्हा द्वारा इस स्थल का उत्खनन करवाया गया।
- उत्खनन से पाँच प्रकार की संस्कृतियों के अवशेष मिले हैं।
- इसकी कार्बन तिथि ई.पू. 4900 ज्ञात हुई है।
- यह स्थल मैदानी क्षेत्र में गंगा, सोन, गंडक एवं घाघरा के संगम पर स्थित है।
- यहाँ जो उपकरण पाए गए हैं, वे हिरणों के सींगों से निर्मित हैं।
- मृद्भाण्डों पर चित्रांकन देखा गया है।
- मृत्पात्रों पर ध्यान के भूसे के निशान तथा जले हुए चावल के दाने चिपके हुए प्राप्त हुए हैं।
- इससे पता चलता है कि चिरांदवासी चावल की खेती करते थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ