"विनोबा भावे के अनमोल वचन": अवतरणों में अंतर
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*ऐसे देश को छोड़ देना चाहिए, जहाँ न आदर है, न जीविका, न मित्र, न परिवार और न ही ज्ञान की आशा। - | *ऐसे देश को छोड़ देना चाहिए, जहाँ न आदर है, न जीविका, न मित्र, न परिवार और न ही ज्ञान की आशा। - | ||
*स्वतंत्र वही हो सकता है, जो अपना काम अपने आप कर लेता है। | *स्वतंत्र वही हो सकता है, जो अपना काम अपने आप कर लेता है। | ||
*द्वेष बुद्धि को हम द्वेष से नहीं मिटा सकते, प्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है। <ref>{{cite web |url=http://www.abhivyakti-hindi.org/vichar/amarvani3.htm |title=सूक्तियाँ |accessmonthday=[[14 अप्रॅल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=अभिव्यक्ति |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | *द्वेष बुद्धि को हम द्वेष से नहीं मिटा सकते, प्रेम की शक्ति ही उसे मिटा सकती है। <ref>{{cite web |url=http://www.abhivyakti-hindi.org/vichar/amarvani3.htm |title=सूक्तियाँ |accessmonthday=[[14 अप्रॅल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=अभिव्यक्ति |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
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08:44, 14 अप्रैल 2011 का अवतरण
विनोबा भावे के अनमोल वचन |
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