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|हिन्दी=बाधा, विघ्न, विपत्ति, उपद्रव, दंगा, विदेश-यात्रा, प्रवास फ़सल को हानि पहुँचाने वाले उपद्रव-अतिवृष्टि, अनावृष्टि, अग्निकांड और चूहों, पक्षियों, टिड्डियों तथा विदेशी आक्रमण से हानि
|अर्थ=बाधा, विघ्न, विपत्ति, उपद्रव, दंगा, विदेश-यात्रा, प्रवास फ़सल को हानि पहुँचाने वाले उपद्रव-अतिवृष्टि, अनावृष्टि, अग्निकांड और चूहों, पक्षियों, टिड्डियों तथा विदेशी आक्रमण से हानि।
|व्याकरण=स्त्रीलिंग
|व्याकरण=[[स्त्रीलिंग]]
|उदाहरण=कीन्हि मातु मिस काल कुचाली। '''ईति''' भीति जस पाकत साली।
|उदाहरण=कीन्हि मातु मिस काल कुचाली। '''ईति''' भीति जस पाकत साली।
केहि बिधि होइ [[राम]] अभिषेकू। मोहि अवकलत उपाउ न एकू॥
केहि बिधि होइ राम अभिषेकू। मोहि अवकलत उपाउ न एकू॥
|विशेष=उदाहरण में दिए हिन्दी अर्थ: (भरतजी सोचते हैं कि) माता के मिस से काल ने कुचाल की है। जैसे धान के पकते समय '''ईति''' का भय  उपस्थित होता। अब श्री रामचन्द्रजी का राज्याभिषेक किस प्रकार हो, मुझे तो एक भी उपाय नहीं सूझ पड़ता<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/religion/religion/hindu/ramcharitmanas/Ayodyakand/39.htm |title=चौपाई |accessmonthday=[[30 अप्रैल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम |publisher=वेबदुनिया |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
हिन्दी अर्थ- (भरतजी सोचते हैं कि) माता के मिस से काल ने कुचाल की है। जैसे धान के पकते समय '''ईति''' का भय  उपस्थित होता। अब श्री रामचन्द्रजी का राज्याभिषेक किस प्रकार हो, मुझे तो एक भी उपाय नहीं सूझ पड़ता<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/religion/religion/hindu/ramcharitmanas/Ayodyakand/39.htm |title=चौपाई |accessmonthday=[[30 अप्रैल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम |publisher=वेबदुनिया |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
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|संस्कृत=ई+क्तिन्
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|अन्य ग्रंथ='<poem>'''ईति'''र्डिम्बप्रवासयो: उदयेऽधिगमे प्राप्ति।
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त्रेता त्वग्नित्रये युगे वीणाभेदेऽपि महती॥</poem>
त्रेता त्वग्नित्रये युगे वीणाभेदेऽपि महती॥</poem>
|संबंधित शब्द=
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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<references/>
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. चौपाई (हिन्दी) (एच टी एम) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 30 अप्रैल, 2011