"साँचा:एक पर्यटन स्थल": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
<center>'''[[खजुराहो]]'''</center>
<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
[[चित्र:Khajuraho-Temples.jpg|right|120px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो]]
|-</noinclude>
*[[भारत]] में, [[ताजमहल]] के बाद, सबसे ज़्यादा देखे और घूमे जाने वाले [[पर्यटन]] स्थलों में खजुराहो का नाम आता है।
| style="background:transparent;"|
*खजुराहो के मंदिर '''भारतीय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना''' हैं। खजुराहो का प्राचीन नाम '''खर्जुरवाहक''' है।
{| style="background:transparent; width:100%"
*खजुराहो में ख़ूबसूरत मंदिरो में की गई कलाकारी इतनी सजीव है कि '''कई बार मूर्तियाँ ख़ुद बोलती हुई''' मालूम होती हैं।
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| एक पर्यटन स्थल
*खजुराहो, महोबा से 54 किलोमीटर दक्षिण में, छतरपुर से 45 किलोमीटर पूर्व और सतना ज़िले से 105 किलोमीटर पश्‍चिम मध्य प्रदेश में स्‍थित है। '''[[खजुराहो|.... और पढ़ें]]'''<noinclude>[[Category:एक पर्यटन स्थल के साँचे]]</noinclude>
|-
| style="border:solid thin #9dc4df; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" class="headbg34" valign="top" |
[[चित्र:Khajuraho-Temples.jpg|right|100px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो|border]]
*'''[[खजुराहो]]''' की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।
*कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देती हैं। [[खजुराहो|... और पढ़ें]]
|}<noinclude>[[Category:एक पर्यटन स्थल के साँचे]]</noinclude>

06:07, 11 मई 2011 का अवतरण

एक पर्यटन स्थल
खजुराहो मंदिर
खजुराहो मंदिर
  • खजुराहो की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।
  • कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देती हैं। ... और पढ़ें