"कन्नौज": अवतरणों में अंतर
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*कन्नौज एक प्राचीन नगर है एवं कभी [[हिन्दू]] साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। | *कन्नौज एक प्राचीन नगर है एवं कभी [[हिन्दू]] साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है। | ||
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*यहाँ मुख्य रूप से कन्नौजी भाषा, कनउजी भाषा के रूप में इस्तेमाल की जाती है। | *यहाँ मुख्य रूप से कन्नौजी भाषा, कनउजी भाषा के रूप में इस्तेमाल की जाती है। | ||
==कान्यकुब्ज== | |||
कान्यकुब्ज अथवा कन्नौज के निम्न नाम [[साहित्य]] में उपलब्ध हैं—'कन्यापुर' ([[वराहपुराण]]), 'महोदय', 'कुशिक', 'कोश', 'गाधिपुर', 'कुसुमपुर' ([[युवानच्वांग]]), 'कण्णकुज्ज' ([[पाली भाषा|पाली]]) आदि। कन्नौज, ज़िला फ़र्रुख़ाबाद, उत्तर प्रदेश का एक मुख्यालय और प्रमुख नगरपालिका है। कान्यकुब्ज की गणना भारत के प्राचीनतम ख्यातिप्राप्त नगरों में की जाती है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार इस नगर का नामकरण कुशनाभ की कुब्जा कन्याओं के नाम पर हुआ था। पुराणों में कथा है कि पुरुरवा के कनिष्ठ पुत्र अमावसु ने कान्यकुब्ज राज्य की स्थापना की थी। कुशनाभ इन्हीं का वंशज था। कान्यकुब्ज का पहला नाम 'महोदय' बताया गया है। महोदय का उल्लेख विष्णुधर्मोत्तर पुराण में भी है, 'पंचालाख्योस्ति विषयो मध्यदेशेमहोदयपुरं तत्र', 1,20,2-3. महाभारत में कान्यकुब्ज का विश्वामित्र के पिता राजा गाधि की राजधानी के रूप में उल्लेख है। उस समय कान्यकुब्ज की स्थिति दक्षिण पंचाल में रही होगी, किन्तु उसका अधिक महत्व नहीं था, क्योंकि दक्षिण-पंचाल की राजधानी कांपिल्य में थी। | |||
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09:39, 18 मई 2011 का अवतरण
- कन्नौज भारत में उत्तर प्रदेश प्रांत का एक प्रमुख मुख्यालय एवं नगरपालिका है।
- इस शहर का नाम संस्कृत के कान्यकुब्ज शब्द से बना है।
- कन्नौज एक प्राचीन नगर है एवं कभी हिन्दू साम्राज्य की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित रहा है।
- माना जाता है कि कान्यकुब्ज ब्राह्मण मूल रूप से इसी स्थान के हैं।
- वर्तमान कन्नौज शहर अपने इत्र व्यवसाय के अलावा तंबाकू के व्यापार के लिए भी मशहूर है।
- यहाँ मुख्य रूप से कन्नौजी भाषा, कनउजी भाषा के रूप में इस्तेमाल की जाती है।
कान्यकुब्ज
कान्यकुब्ज अथवा कन्नौज के निम्न नाम साहित्य में उपलब्ध हैं—'कन्यापुर' (वराहपुराण), 'महोदय', 'कुशिक', 'कोश', 'गाधिपुर', 'कुसुमपुर' (युवानच्वांग), 'कण्णकुज्ज' (पाली) आदि। कन्नौज, ज़िला फ़र्रुख़ाबाद, उत्तर प्रदेश का एक मुख्यालय और प्रमुख नगरपालिका है। कान्यकुब्ज की गणना भारत के प्राचीनतम ख्यातिप्राप्त नगरों में की जाती है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार इस नगर का नामकरण कुशनाभ की कुब्जा कन्याओं के नाम पर हुआ था। पुराणों में कथा है कि पुरुरवा के कनिष्ठ पुत्र अमावसु ने कान्यकुब्ज राज्य की स्थापना की थी। कुशनाभ इन्हीं का वंशज था। कान्यकुब्ज का पहला नाम 'महोदय' बताया गया है। महोदय का उल्लेख विष्णुधर्मोत्तर पुराण में भी है, 'पंचालाख्योस्ति विषयो मध्यदेशेमहोदयपुरं तत्र', 1,20,2-3. महाभारत में कान्यकुब्ज का विश्वामित्र के पिता राजा गाधि की राजधानी के रूप में उल्लेख है। उस समय कान्यकुब्ज की स्थिति दक्षिण पंचाल में रही होगी, किन्तु उसका अधिक महत्व नहीं था, क्योंकि दक्षिण-पंचाल की राजधानी कांपिल्य में थी।
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