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कूप (कुआँ) [[मिट्टी]] या चट्टानों को काटकर कृत्रिम खोदाई या छेदाई से जब कोई [[द्रव]], विशेषतया पानी, निकलता है तब उसे कुआँ कहते हैं। कुछ स्थानों के कुओं से पानी के स्थान पर पेट्रोलियम तेल भी निकलता है। कुएँ कई प्रकार के होते हैं। यह उनकी खुदाई, गहराई, मिट्टी या चट्टान की प्रकृति और पानी निकलने की मात्रा पर निर्भर करता है। कुएँ छिछले हो सकते हैं या गहरे। गहरे कुओं को उस्रुत कुआँ कहते | *कूप (कुआँ) [[मिट्टी]] या चट्टानों को काटकर कृत्रिम खोदाई या छेदाई से जब कोई [[द्रव]], विशेषतया पानी, निकलता है तब उसे कुआँ कहते हैं। | ||
*कुछ स्थानों के कुओं से पानी के स्थान पर पेट्रोलियम तेल भी निकलता है। | |||
*कुएँ कई प्रकार के होते हैं। | |||
*यह उनकी खुदाई, गहराई, मिट्टी या चट्टान की प्रकृति और पानी निकलने की मात्रा पर निर्भर करता है। | |||
*कुएँ छिछले हो सकते हैं या गहरे। | |||
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07:43, 14 मई 2011 का अवतरण
- कूप (कुआँ) मिट्टी या चट्टानों को काटकर कृत्रिम खोदाई या छेदाई से जब कोई द्रव, विशेषतया पानी, निकलता है तब उसे कुआँ कहते हैं।
- कुछ स्थानों के कुओं से पानी के स्थान पर पेट्रोलियम तेल भी निकलता है।
- कुएँ कई प्रकार के होते हैं।
- यह उनकी खुदाई, गहराई, मिट्टी या चट्टान की प्रकृति और पानी निकलने की मात्रा पर निर्भर करता है।
- कुएँ छिछले हो सकते हैं या गहरे।
- गहरे कुओं को उस्रुत कुआँ कहते हैं।
{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}} विस्तार में पढ़ने के लिए देखें कुआँ
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टीका टिप्पणी और संदर्भ