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| -[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] | | -[[सूर्यकांत त्रिपाठी निराला]] |
| || [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|100px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]] | | || [[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|जयशंकर प्रसाद|100px|right]] महाकवि जयशंकर प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयशंकर प्रसाद]] |
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| {'संदेश रासक' के रचयिता हैं?
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| -[[अमीर ख़ुसरो]]
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| -रसनिधि
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| -रसलीन
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| +अब्दुल रहमान
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| {'साखी' के रचयिता हैं?
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| |type="()"}
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| -[[रसखान]]
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| -[[सूरदास]]
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| -[[रहीम]]
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| +[[कबीरदास]]
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| || [[चित्र:Kabirdas.jpg|कबीरदास|150px|right]] कबीरदास के जन्म के संबंध में अनेक किंवदन्तियाँ हैं। कुछ लोगों के अनुसार वे गुरु [[स्वामी रामानंद|रामानन्द]] स्वामी के आशीर्वाद से [[काशी]] की एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे। ब्राह्मणी उस नवजात शिशु को लहरतारा ताल के पास फेंक आयी। उसे नीरु नाम का जुलाहा अपने घर ले आया। उनकी माता का नाम 'नीमा' था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीरदास]]
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| {लोगहिं लागि कवित्त बनावत, मोहिं तौ मेरे कवित्त बनावत॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं?
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| |type="()"}
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| -[[केशवदास]]
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| -भिखारी दास
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| +[[घनानन्द]]
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| -पद्माकर
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| ||[[हिन्दी भाषा]] के रीतिकाल के कवि घनानन्द के सम्बंध में निश्चित जानकारी नहीं है। कुछ लोग इनका जन्मस्थान [[उत्तर प्रदेश]] के जनपद बुलन्दशहर को मानते हैं। इनका जन्म 1658 से 1689 ईस्वी के बीच और निधन 1739 ईस्वी (लगभग) माना जाता है। इनका निधन अब्दाली दुर्रानी द्वारा [[मथुरा]] में किये गये कत्लेआम में हुआ था। घनानन्द श्रृंगार धारा के कवि थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[घनानन्द]]
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| {बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है, यह कथन किसका है?
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| |type="()"}
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| -[[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]]
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| -[[गजानन माधव मुक्तिबोध]]
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| +[[रामचन्द्र शुक्ल]]
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| -[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]]
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| || [[चित्र:RamChandraShukla.jpg|150px|right|रामचन्द्र शुक्ल]] रामचन्द्र शुक्ल जी का जन्म [[बस्ती ज़िला|बस्ती ज़िले]] के अगोना नामक गाँव में सन 1884 ई. में हुआ था। सन 1888 ई. में वे अपने पिता के साथ राठ हमीरपुर गये तथा वहीं पर विद्याध्ययन प्रारम्भ किया। सन 1892 ई. में उनके पिता की नियुक्ति मिर्ज़ापुर में सदर क़ानूनगो के रूप में हो गई और वे पिता के साथ [[मिर्ज़ापुर]] आ गये। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रामचन्द्र शुक्ल]]
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| {[[रहीम]] द्वारा लिखित इन पंक्तियों में 'बड़े' शब्द का प्रयोग जिस रूप में हुआ है, वह है-
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| <poem>बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोलें बोल।
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| रहिमन [[हीरा]] कब कहै, लाख टका मेरो मोल॥</poem>
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| |type="()"}
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| -[[विशेषण]]
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| +[[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]]
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| -[[सर्वनाम]]
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| -[[क्रियाविशेषण]]
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| {रामभक्त कवि नहीं हैं-
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| |type="()"}
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| -नाभादास
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| -अग्रदास
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| +नरोत्तम दास
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| -सेनापति
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| {जीवन में हास्य का महत्त्व इसलिए है कि, वह जीवन को-
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| |type="()"}
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| -प्रयोग देता है
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| -आनन्दित करता है
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| -आगे बढ़ाता है
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| +सरस बनाता है
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| {श्रृंगार [[रस]] का स्थायी भाव है-
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| |type="()"}
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| +रति
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| -हास
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| -शोक
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| -निर्वेद
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| {किस [[रस]] का संचारी भाव उग्रता, गर्व, हर्ष आदि है?
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| |type="()"}
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| -श्रृंगार
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| +वीर
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| -वात्सल्य
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| -रौद्र
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| {[[कबीरदास]] की [[भाषा]] थी?
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| |type="()"}
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| -[[ब्रज भाषा |ब्रज]]
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| -कन्नौजी
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| +सधुक्कड़ी
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| -खड़ी बोली
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| </quiz> | | </quiz> |
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