"अजगर करे ना चाकरी": अवतरणों में अंतर
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<poem>अजगर करे ना चाकरी पंछी करे ना काम, | |||
दास मलूका कह गए सब के दाता राम</poem> | दास मलूका कह गए सब के दाता राम</poem> | ||
*अर्थ- अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है। | *अर्थ- अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है। |
13:59, 4 जून 2011 का अवतरण
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- यह लोकोक्ति एक प्रचलित कहावत है।
अजगर करे ना चाकरी पंछी करे ना काम,
दास मलूका कह गए सब के दाता राम
- अर्थ- अजगर को किसी की नौकरी नहीं करनी होती और पक्षी को भी कोई काम नहीं करना होता, ईश्वर ही सबका पालनहार है, इसलिए कोई भी काम मत करो ईश्वर स्वयं देगा। आलसी लोगों के लिए श्री मलूकदास जी का ये कथन बहुत ही उचित है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ